फिरोजाबाद मे बाइक पर साथ बैठा युवक धीरज ही निकला दरोगा का हत्यारा

एसआई ने अपने साथ काम करने को तनखा पर रखा था धीरज को।

शराब का आदी था हत्यारा धीरज

रास्ते में दरोगा से पैसों के लेन देन को लेकर हुई थी नोकझोंक तभी तमंचे से मारी थी गोली।

थाना अराँव में तैनात दिनेश कुमार मिश्रा को उतारा था मौत के घाट

पुलिस को पहले ही दिन से था युवक पर संदेह 

आरोपी का कहना – उसको सैलरी के पैसे दो माह से नहीं मिले थे

एसपी ग्रामीण रणविजय सिंह ने किया सनसनीखेज घटनाक्रम का खुलासा ।

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में दरोगा दिनेश मिश्रा हत्याकांड का पुलिस ने 36 घंटे में खुलासा कर दिया। पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर हत्याकांड में प्रयुक्त तमंचा बरामद किया। नौकर धीरज ने ही दरोगा की हत्या की थी। आरोपी का कहना है कि दो महीने से दरोगा वेतन नहीं दे रहे थे। इसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। हत्या के बाद खुद ही पुलिस व परिजनों को सूचना दी, जिससे वह बच सके। पुलिस ने आरोपी को जेल भेजा है।

हत्या का खुलासा करते हुए एसपी ग्रामीण कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि दरोगा की हत्या के बाद से ही पूरे जिले में अलर्ट कर दिया गया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने चार टीमें गठित कर शीघ्र खुलासा करने के निर्देश दिए थे। घटना के बाद सबसे संदिग्ध नौकर धीरज ही लग रहा था। इस कारण उसे हिरासत में लिया गया था। उससे आठ घंटे से ज्यादा कई लोगों ने पूछताछ की। काफी समय तक उसने पुलिस को गुमराह किया, लेकिन सख्ती दिखाई तो वह टूट गया। उसने हत्या की बात स्वीकार की है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा भी बरामद कर लिया।

एसपी के अनुसार पूछताछ में धीरज ने बताया कि वह दरोगा के पास तीन माह पूर्व अरांव आया था। उनके घर का काम करने व लिखापढ़ी में सहयोग के लिए दरोगा ने उसे 10 हजार रुपये महीने पर रखा था। एक महीने की तो पगार उसे दे दी, लेकिन पिछले दो माह के वेतन को लेकर दरोगा से आए दिन कहासुनी हो रही थी। बताया कि एक दिन दरोगा ने उसकी बेइज्जती कर दी। इसके बाद उसने उन्हें ठिकाने लगाने की सोच ली।

तीन अगस्त को वह सब्जी लेने के बहाने दरोगा की बाइक पर उनके साथ गया। जब दरोगा चंदपुरा में विवेचना कर रहे थे, तभी उसने गांव में स्थित ठेके से शराब खरीद कर पी। जिस से वह नशे में धुत्त हो गया। उप निरीक्षक उसको बाइक पर बैठाकर चौकी की तरफ चल दिए। इसी दौरान चंदपुरा व पीथेपुर के बीच लघुशंका के बहाने बाइक रुकवाई। वहीं पर दरोगा से रुपये को लेकर कहासुनी हो गई। नशे में होने के कारण उसने अपने पास रखे तमंचा से दरोगा की गर्दन में सटाकर फायर कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई

रिटायर्ट दरोगा का बेटा है आरोपी

धीरज उर्फ प्रवीन शर्मां ने पुलिस को बताया कि वह मूलरूप से ग्राम नगला केवल मौजा (कन्थरी) थाना शिकोहाबाद का रहने वाला है। उसके पिता पुलिस में उप निरीक्षक के पद से रिटायर हुए थे। उसका भी कालिन्दी विहार आगरा में मकान है।

बीएससी उत्तीर्ण करने के बाद भी नौकरी नहीं लगी। इसके बाद कुछ दिन एक समाचार पत्र में विज्ञापन विभाग में नौकरी की। इसके बाद एक ट्रांसपोर्टर के पास छह साल तक नौकरी की। कुछ दोस्तों के साथ गलत संगत में पड़ गया था। रोजाना शराब पीने का आदी हो गया।

बेटी की भरनी थी फीस

आरोपी धीरज ने बताया कि बेटी की किताब व फीस के लिए पैसे मांगे तो दरोगा ने देने से मना कर दिया। इस बात को लेकर कुछ तनाव में था।
बिटौरा में छिपाया तमंचा

आरोपी ने बताया कि वह दरोगा के साथ ही था। सुनसान जगह देखकर बाइक रुकवाई और पैंट की बांयी ओर कमर में लगे तमंचे से गोली मार दी। तमंचा व कारतूस बिटौरा में छुपा दिया

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