विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष में हुआ भील समाज ने किया भव्य कार्यक्रम का आयोजन।

रेवदर उपखण्ड मुख्यालय पर बुधवार को आदिवासी भील समाज की ओर से विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

निकटवर्ती कई गाँवों से युवा रैली के रूप में रेवदर पहुँचे, जहां आवाडा रोड पर समारोह का आयोजन हुआ । समारोह में अतिथि राज्यसभा सांसद नीरज डांगी के प्रतिनिधि बिरधीचंद, रेवदर वृत्त अधिकारी घनश्याम वर्मा, नायब तहसीलदार आसुराम नायक, जिला परिषद सदस्य मोतीराम कोली, अर्जुनराम राणा, रेवदर थानाधिकारी कपुराराम चौधरी, पंचायत समिति सदस्य सुरताराम देवासी, धाण सरपंच शंकर राणा, छोगाराम महाराज जेतावाडा, कांग्रेस नेता राजेश गहलोत, वीरमाराम अतिथि मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ मान सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ । शबरी एकलव्य युवा संस्थान की ओर से अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया ।

कार्यक्रम में समाज के युवाओं व बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी।

इस दौरान समाजसेवी बिरधीचंद ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज के समय में विशेष राजनीतिक विचारधारा के लोग आदिवासी को वनवासी कह रहे है । वनवासी का नाम देकर आदिवासियों के अधिकारों का हनन कर रहे है । भगवान राम वन में रहे वो वनवासी थे, माता शबरी भील आदिवासी थी, हम लोग आदिवासी है वनवासी नहीं, ये वनवासी कहकर हमारे संसाधनों पर अधिकर करना चाहते हैं ।

उन्होंने बताया कि देशभर के संग्रहालयो से जानकारी लेकर उन्होंने एक लेख लिखा, जो 15 अगस्त 2003 को “मानगढ नरसंहार जलियाँवाला से कम नहीं “ शीर्षक से प्रकाशित हुआ।

तब तत्कालीन राष्ट्रपति भैरोसिंह ने उन्हें दिल्ली बुलाया और इस मुद्दे पर चर्चा की, जिसके बाद तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने 10 करोड़ की स्वीकृति दी थी, जिसके बाद वहाँ एक स्मारक बना एवं मानगढ चर्चाओं में आया। जिला परिषद सदस्य मोतीराम कोली ने विधायक जगसीराम कोली पर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकार ने हर समाज को ज़मीने दी है, पर अपने विधायक तो समाजों के कार्यक्रमों में सिर्फ़ घोषणाएँ करके ही आते हैं । विधायक सिर्फ़ नाम के रह गए हैं, अब जनता को जागना होगा, काम करने वाले को चुनना होगा । उन्होंने कांग्रेस को वोट देने की मंच से अपील की। समारोह समाप्ति के बाद आवाडा रोड से विशाल रैली का आयोजन हुआ। जिसमें डीजे की धुन पर युवा खूब झूमे ।

क़स्बे के विभिन्न मार्गों से होकर रैली निकली, जिसमें हाथ में हथियार व पारम्परिक वस्त्रों में युवाओं ने काफ़ी लुत्फ़ उठाया । पुलिस प्रशासन भी व्यवस्थाओं को लेकर तैनात रहा ।

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