जिलाधिकारी ने किया निर्माणाधीन प्यासी मझौली सेतु का निरीक्षण, दिए आवश्यक निर्देश

देवरिया जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने आज प्यासी-मझौली मार्ग पर छोटी गंडक नदी पर निर्माणाधीन सेतु का निरीक्षण किया। डीएम ने राज्य सेतु निगम द्वारा कराए जा रहे कार्य की गुणवत्ता पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और एक माह के भीतर अपेक्षित सुधार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा निर्माण परियोजनाओं की गुणवत्ता में किसी भी स्तर पर कमी स्वीकार्य नहीं होगी।

जिलाधिकारी आज अपराह्न राजकीय सेतु निगम द्वारा 15 करोड़ 25 लाख रुपए की लागत से छोटी गंडक नदी पर निर्माणाधीन 133 मीटर लंबे प्यासी-मझौली सेतु का निरीक्षण करने पहुंचे। सेतु निर्माण का कार्य अप्रैल 2023 तक पूर्ण होना था। मौके पर सेतु का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण अवस्था में मिला। लेकिन, कार्य की वर्कमेनशिप में कई खमियाँ मिली। कार्य की फिनिशिंग क्वालिटी पर डीएम ने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने एक माह के भीतर सेतु पर मिली खामियों को दूर करने के लिए निर्देशित किया। कहा कि एक माह बाद पुनः वे इस सेतु का निरीक्षण करेंगे। उससे पूर्व सुधार कर लिया जाए।

जिलाधिकारी ने प्यासी-मझौली सेतु को दोनों ओर से जोड़ने वाली वन-लेन सड़क को टू-लेन में परिवर्तित करने का प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग को तैयार करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा की प्यासी और मझौली को टू लेन सड़क द्वारा हाईवे से जोड़ने पर इस सेतु की उपयोगिता बढ़ेगी। जिलाधिकारी ने एप्रोच मार्ग के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की।इस अवसर पर एसडीएम सलेमपुर सीमा पांडेय, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड मनोज पांडेय, उप परियोजना प्रबंधक राज्य सेतु निगम विभव सिंह सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।

 

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