लगभग 28 किसानों की फसले हुई स्वाहा।

दमकल के साथ आसपास के पंपिंग सेट को चलाकर आग नहीं बुझाई गई होती तो यह आग भाटपाररानी शहर तक पहुंच जाती।

दमकल के देर से पहुंचने पर ग्रामीणों ने जताई नाराजगी।
साथ ही किसानो की एसडीएम से भी हुई कहासुनी।
समझाने के बाद दमकल की मदद व लाठी-डंडे से पीटकर बुझाई गयी आग।

घटनास्थल पर दमकल सहित उप जिला अधिकारी हरिशंकर लाल थानाध्यक्ष दिलीप पांडेय दलबल सहित पहुंच गए। दमकल के साथ आसपास के पंपिंग सेट को चलाकर आग नहीं बुझाई गई होती तो यह आग भाटपाररानी शहर तक पहुंच जाती। इस अग्नि कांड में बेलपार पंडित के किसानों की 50 बीघा से ऊपर गेहूं की फसल जल कर राख हो गई है।

इसमें कमलेश पांडेय, राघवेंद्र उर्फ गप्पू पांडेय, अजय पांडेय, विनय पांडेय, सीमा देवी, सुखी देवी, राम अवतार, इस्रावती, विनोद पांडेय, दिनेश पांडेय, अक्षय कुमार पांडेय, रमेश पांडेय, जयमति देवी, रामचंद्र वर्मा, विनय कुशवाहा, विजय कुशवाहा, सौरभ कुशवाहा, रामदास कुशवाहा, रामसुभग भगत, राधा कृष्ण कुशवाहा, सुभाष भारती, रामदेव, राजदेव, रामाश्रय, श्याम देव, जितेंद्र, कमलेश प्रसाद, रविंद्र पांडेय, जितेंद्र आदि की 50 बीघा से ऊपर गेहूं की फसल जलकर राख हो गई है।

अग्निशमन की देरी से पहुंचने तथा तेज पछुआ हवा में कंबाइन चलाने की अनुमति को लेकर ग्रामीण एसडीएम से उलझ गए थे। लोगों ने आरोप लगाया कि तेज पछुआ हवा में कंबाइन चलाने की अनुमति न दी जाए। ग्रामीणों ने भाटपाररानी तहसील पास होने के बावजूद फायर ब्रिगेड के देरी से पहुंचने का आरोप लगाया। एसडीएम हरिशंकर लाल ने बताया है कि कंबाइन को चिह्नित कर लिया गया है। उसके विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया में पुलिस जुटी है।
जली हुई फसल का मुआवजा किसानों को जांच के बाद उपलब्ध कराया जाएगा।

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