कथा वाचक ने भागवत कथा में गोवर्धन पूजा का किया वर्णन

 

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 रिपोर्ट: विवेक तिवारी पूंछ।

पूंछ कस्बे के ग्राम ढेरा में कमलेश पाठक (परशुराम जी) के आवास पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथा वाचक देवेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने गोवर्धन लीला का प्रसंग सुनाया।

भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं से जहां कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया। वहीं ब्रज के लोगों को आनंद प्रदान किया।

प्रसंग में बताया कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी।

इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रज मंडल पर भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया।

सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ।

इस अवसर पर छप्पन भोग लगाया गया। कथा की आरती परीक्षित सुमन देवी,धर्मेंद्र पाठक ने की।

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