एक ऐसी जगह जहां काजू-बादाम 30 से 40 रुपए किलो में मिल ही जाते हैं

जैसा कि सभी जानते है कि सेहत के लिए सूखे मेवे कितने फायदेमंद होते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को कमजोरी हो या उसकी आंखों की रोशनी बढ़ानी हो या फिर याददाश्त तेज करनी हो ये मेवे इन सभी चीजों में बहुत लाभादायक होते हैं।
चूंकि इनकी कीमत के चलते हर किसी को इन्हें खरीदना मुश्किल होता है।

तो क्या आपको एक ऐसी जगह के बारे में पता हैं जहां आमतौर पर 1000 रुपये किलो में मिलनेे वाले काजू-बादाम 30 से 40 रुपए किलो में मिल ही जाते हैं।

लेकिन जामताडा में काजू-बादाम सड़क किनारे आसानी से लोग काजू-बादाम बेेचते हुए मिल जाएंगे. जिनकी कीमत 30 से 40 रुपए किलो होती है।

झारखंड के जामताड़ा के अलावा दुमका और संथाल परगना प्रमंडल में भी काजू की खेती होती है।
जामताड़ा के गांव नाला में लगभग 50 एकड़ जमीन में काजू की खेती होती है।
चूंकि यहां किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है साथ ही यहां प्रोसेसिंग प्लांट भी नहीं है।
यही वजह है यहां ग्रामीणों को खेती से ज्यादा मुनाफा नहीं हो पाता है।
वहीं यहां बागानों में काम करने वाले लोग भी सस्ते दामों पर काजू बेच देते हैं।
जिससे आमजन को तो फायदा मिल जाता है लेकिन किसानों को ज्यादा फायदा नहीं मिलता।

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