Author: Banwari Lal Shastri

जीने में तमाम कष्ट युक्त शारीरिक मानसिक दुःखदायी वेदनापरक भूचाल जीवन न जाने क्यो आ रहा है? रिपोर्ट  : – डा ० बनवारी लाल पीपर “शास्त्री”…

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इससे श्रेष्ठ तीर्थ, साधना, तपश्चर्या अन्य कहीं कोई नहीं रिपोर्ट: डा० बनवारी लाल पीपर “शास्त्री” जो माता (मां) अपने पुत्र को जन्म देने में अपना रुप,…

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आज प्रत्येक जनमानस के अंत : ह्रदय में “आत्मवत् सर्वभूतेषु वेदमंत्र आत्मसात् नहीं होगा। रिपोर्ट: डा० बनवारी लाल पीपर “शास्त्री ” अपने जैसा ही सबको जानों…

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संसार के व्यक्ति (नर-नारी, स्त्री-पुरुष), व्यक्ति के मिलने से शारीरिक, मानसिक, ऐंद्रिक (इन्द्रिय जनित) सभी आकर्षण सर्वांगीण और निरर्थक हैं। (उनके पूर्ण होने पर, मिलने पर,…

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सर्व प्रथम उन शहीदों क्रांतिकारियों व माता बहिन बेटियों वीरांगनाओं को कोटि-कोटि नमन जिन्होंने भारत राष्ट्र की स्वतंत्रता में अपनी जान व जीवन को खतरे में…

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वर्तमान समय में बहुतायत के रूप में राजसत्ता की विधायिका अथवा संसद प्रतिनिधिरुप में जितने ज्यादा से ज्यादा अपराधी तत्व प्रतिनिधि रुप में पहुंच रहे हैं…

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दुःखद हार्दिक वेदनामयी शोकसंवेदना श्री अनिल कुमार जी युवा पुत्र स्व० श्री रामस्वरूप जी निवासी घाटमपुर (कानपुर नगर) के आकस्मिक निधन की दुःखद घटना पर मैं…

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मनुष्य को किसी के भी साथ पत्नी हो या सन्तानें अपने को सम्पूर्णतया क्लोज ( समस्त पूर्ण समर्पण ) नहीं करना चाहिए । क्लोज (सम्पूर्ण रुप…

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