कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें कीर्ति चक्र से किया सम्मानित

■आग लगे बंकर में घुस गए और 4 जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला। लेकिन खुद वहीं फंस गए।

सियाचीन ग्लेशियर के एक बंकर में 19 जुलाई 2023 को अचानक आग लग गई। कैप्टन अंशुमान सिंह जवानों को बचाने बंकर में घुस गए और 4 जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला। लेकिन खुद वहीं फंस गए।

मरणोपरांत आज उन्हें कीर्ति चक्र दिया गया…।

अंशुमान सिंह पूर्वांचल के देवरिया जिले के रहनेवाले थे।
तस्वीर में उनकी पत्नी और मां हैं।

विसतार

कैप्टन अंशुमन सिंह ने अपनी बहादुरी से न सिर्फ अपने साथियों की जान बचाई, बल्कि जीवन रक्षक दवाइयों और उपकरणों को बचाते हुए शहीद हो गए

सेना के जवान और अधिकारी ही देश के लिए जज्बा और बहादुरी नहीं दिखाते, बल्कि उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चे भी हर अग्निपरीक्षा में उनके साथ रहते हैं. हर दर्द बराबरी से सहते हैं।

आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सैन्य बलों, अर्धसैनिक बलों व पुलिस कर्मियों को कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तो कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी को देखकर एक मां की तरह भावुक नजर आईं. वह उनके कंधे पर हाथ रखकर सांत्वना और लाड जताती नजर आईं. इस दृश्य को देखकर सभी नम आंखों से ताली बजाने लगे।

राजनाथ सिंह से लेकर किरेन रिजिजू तक तालियां बजाते नजर आए. मगर पीएम मोदी उस समय तक भावुक नजर आने लगे. वह इन दोनों को देख भी नहीं पा रहे थे

कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी स्मृति और मां मंजू सिंह ने कीर्ति चक्र राष्ट्रपति से अपने हाथ में लिया तो दोनों के चेहरे पर कुछ सेकेंड के लिए अपने पति और बेटे के लिए गर्व के भाव भी नजर आए।

जब कैप्टन अंशुमन सिंह के बलिदान की गाथा राष्ट्रपति की मौजूदगी में इन दोनों को सुनाई गई तो दोनों अपने आंसुओं को ऐसे बांधे हुए थीं, जैसे कोई समंदर पर बांध बनाने की कोशिश कर रहा हो।

Share.