सबसे पहले अपने मन को निर्मल बनाओ। फिर एक लोटा जल चढाओ। कहा कथा व्यास पंडित विशाल कृष्ण शास्त्री ने
■ हिंदू एकता संगठन ट्रस्ट के तत्वाधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के
प्रथम दिन
कथा व्यास पंडित विशाल कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमें आज के कलयुग में अगर मुक्ति चाहिए है तो हमें अपने मन को सबसे पहले निर्मल और शुद्ध बनाना होगा।
वही उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर मुक्ति मिलनी होती तो सबसे पहले सिंह को ही मुक्ति मिल गई होती क्योंकि वह बहुत बलशाली होता है जंगल में।
गोकर्ण जी महाराज के पुत्र के विषय पर चर्चा करते हुए कहा अगर पुत्र अच्छा नहीं है तो वह घर को भी नरक जैसा बना देता है इसलिए आज हमें सर्वप्रथम सत्संग पर ध्यान देना होगा सत्संग अकेले ही नहीं बल्कि अपने बच्चों के साथ बैठकर ध्यान से श्रवण करें।
आगे महाराज जी ने चर्चा करते हुए कहा कि कहा जाता है कि एक लोटा जल सब समस्याओं का हाल है ।
यह कहना अकेला पर्याप्त नहीं है अगर आपके मन में छल है तो आप एक नहीं एक सौ लोटा जल चढाओ फिर भी नहीं निकलेगा कोई हल।
आगे महाराज जी ने धुंधुकारी की कथा सुनाते हुए उसके चरित्र का वर्णन कर अपने सभी के चरित्र में सुधार लाने को कहा।
आगे उन्होंने कहा कि हम जितना धन कमाते हैं उसे धन का दशांश भाग हमें सत्कर्म के लिए लगाना चाहिए तो हमारे जीवन में कोई विपत्ति नहीं आएगी अगर हमने ऐसा नहीं किया तो इस कमाए हुए धन में कई विकृतियों आ जाएगी।
श्रीमद् भागवत कथा में कथा वाचक पंडित विशाल कृष्ण शास्त्री ने कहा कि इस धरा पर जब-जब धर्म बढ़ता है तब भगवान किसी न किसी रूप में इस धरती पर अवतार लेते हैं।
इस मौके पर बड़ी माता मंदिर पुजारी श्यामलाल मिश्रा ,राघवेंद्र मिश्रा, राष्ट्रीय एकता संगठन ट्रस्ट की अध्यक्ष रेखा सोनकिया, कथा संचालक पंडित नरोत्तम दुबे, राष्ट्रीय संगठन मंत्री पंडित अशोक पचौरी, परीक्षत श्रीमती रेखा रणजीत सिंह, फोकस न्यूज के प्रधान संपादक विनय पचौरी व पत्रकार एकता संघ प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश उदानियां, राष्ट्रीय संरक्षक प्रभात त्रिवेदी, कार्यक्रम संयोजक प्रमोद तिवारी रचना दुबे ,रचना शुक्ला, संध्या सक्सेना,आदि भक्त व्यवस्था में तत्पर रहे।