पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक को पत्रक देकर मृत्युंजय के हमलावरों की गिरफ्तारी का किया मांग ——–

भाटपाररानी देवरिया जनपद के एक चैनल के पत्रकार मृत्युंजय प्रसाद ने पुलिस अधीक्षक को पत्रक देकर यह बताया कि दिनांक 4-10-2024 को करीब रात्रि 9:30 बजे दो बाइक सवार हमलावरों ने बाइक रोकर जान से मारने का प्रयास किया था।
किसी तरह पत्रकार ने बाइक को भगाकर खुखुंदू चौराहे के पास अपने एक साथी शिवम के घर पहुंच कर अपनी जान बचाई।
और पत्रकार ने पुलिस अधीक्षक के सीयूजी नम्बर पर इस घटना को अवगत भी कराया । और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इस घटना को अवगत कराया गया था। पत्रकार ने एक दलित को न्याय दिलाया था। और मझगावा गांव के दोषियों के खिलाफ मुकदमा एस सी एस टी दर्ज हुआ था और दोषियों ने बौखलाहट में मेरे खिलाफ ही षड्यंत्र रचा और मेरे उपर खुखुंदू चौराहे के पास गाड़ियों से पीछा करके जान से मारने का प्रयास किया था और जिस दोषी पर मुक़दमा हुवा था उसका कही न कही डर था कि पत्रकार ने मुझे पहचान लिया है और पत्रकार मेरे खिलाफ शिकायत कर सकता है।
पत्रकार तो किसी तरह अपनी जान बचाकर सकुशल अपने घर लौटा। जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह पोस्ट वायरल होने लगी तो दोषी ने खुद पत्रकार के खिलाफ तहरीर देकर अपने आपको बचाने का प्रयास कर रहा है और पुलिस प्रशासन को भी साफतौर पर बदनाम करने में लग गया है।
अब पत्रकार पर हमला करने वालों की पहचान हो चुकी है। दोषी अपने आप को बचाने के लिए खुखुंदू थाने में 5 तारीख को पत्रकार के खिलाफ तहरीर दे दिया है। अपने तहरीर में दिखाया है कि पत्रकार मृत्युंजय प्रसाद अपने साथियों के साथ आकर हमारे गांव में हमें जान से मारने का प्रयास किया है। जो दिया बिल्कुल झूठ है शायद वह दोषी भूल गए हैं कि सबसे पहले पत्रकार की जांच होगी पत्रकार का मोबाइल लोकेशन खांगाला जाएगा। और गुंडो की पहचान की जाएगी..
सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर पत्रकार उस गांव में गया है तो वहां से बचकर कैसे आ गया। हो सकता है लेकिन आप साफ तौर पर समझ सकते हैं अब दोषी का पर्दाफाश हो चुका है ।
अगर इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हुआ और दोषी का गिरफ्तारी नहीं हुआ तो पत्रकार आंदोलन करने पर बाध्य होगा ।

रिपोर्ट: अख्तर अली देवरिया

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