वन्देमातरम् अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन।

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गाजीपुर जिला अंतर्गत लंका, तुलसी सागर, सिद्धेश्वर नगर जिला पत्रकार समिति हाल में मिशन जामवंत से हनुमान जी के प्रमुख संरक्षक – डॉ.कमल टावरी – पूर्व आईएएस. अधिकारी के प्रमुख संरक्षण में, राष्ट्रीय संयोजक सूर्य कुमार सिंह के प्रमुख संयोजन एवं प्रदेश संयोजक कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक के संयोजन/संचालन में वन्देमातरम् अ.भा.कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन काशी के प्रख्यात कवि एवं गीतकार डॉ. महेन्द्र तिवारी अलंकार के अध्यक्षता में मीरजापुर की सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. पूनम श्रीवास्तव – मुख्य अतिथि,अवध के कवि सुखमंगल सिंह मंगल एवं जौनपुर की कवयित्री सुमति श्रीवास्तव अतिविशिष्ट अतिथि के गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।

■संरक्षण – कवि अमरनाथ तिवारी अमर, प्रोफेसर रणविजय सिंह, कवि दिनेश चन्द्र शर्मा, रघुवंश प्रसाद सिंह, इंजीनियर सुरेन्द्र प्रताप सिंह यादव, डॉ.विजय नारायण तिवारी ने किया।

कवि सम्मेलन की शुरुआत डॉ.पूनम श्रीवास्तव ने -इस दुनिया में कोई नहीं हमारा सहारा,बेटी है मजधार में तेरी,पाती नहीं किनारा,

■इंद्रजीत तिवारी निर्भीक ने -आव हे वीणा वाली आव हंस वाहिनी,

■इंजीनियर सुरेन्द्र प्रताप सिंह यादव ने -मां तेरी कृपा से शब्द रसधार बह जाए, दया कर मां हम सब भक्तों पर,सुर- लय- ताल संवर जाए,

■अमरनाथ तिवारी अमर ने – मंगरू की दिनचर्या में आज भी नहीं हुआ कोई परिवर्तन,यह बात नहीं कि उसे प्यारा नहीं वतन,

■दिनेश चन्द्र शर्मा ने – अर्चना के लिए एक सुमन चाहिए, वन्दना के लिए एक नमन चाहिए,

■विजय कुमार मधुरेश ने -हजारों कंस पैदा हो गये हैं,आज धरती पर, गीता में दिया अपना वचन कब निभाओगे, ■सुखमंगल सिंह मंगल ने – तूं सुंदर,तेरा दिल सुंदर,तेरा मन सुंदर हो जाए, तूं कुछ कर जाए,

■अमित कुमार शर्मा ने -कब तक चलेगा चीर हरण,कब तक इन्हें जलाया जायेगा, द्रौपदी चिल्लाती रह जाएगी,कब तक निर्वस्त्र जलाया जायेगा,

■शायर बादशाह राही ने -बस इसी तरह का माहौल बनाए रखिए, शम्स ऐ उल्फत सरे दरबार जलाए रखिए,

■डॉ.विजय नारायण तिवारी ने – रात-दिन घुमली मिलल ना कहीं छांव रे,मन करे चल जाई,झरेलिया क गांव में,

■संजय पाण्डेय ने -तेरी आंखों में रही,मेरी तिजारत ओ सनम, तेरे ग़म को मैं सहा,न कहा, कुछ कहा,

■भगवती प्रसाद राय ने -खबर आ रही पूरब में कलकत्ते से, ज़हर झर रहा है, मधुमक्खी के छत्ते से,

■सुमति श्रीवास्तव ने -राधिका प्यार है, श्याम श्रृंगार है, प्रेम की धार है,

■इंद्रजीत निर्भीक ने- वन्देमातरम् – वन्देमातरम् हम सब मिलजुलकर गाते रहें, हिन्दू – मुस्लिम – सिक्ख – ईसाई मिलजुलकर अपना कदम बढ़ाते रहें सुनाकर राष्ट्रभक्तिमय रचनाओं से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

उक्त अवसर पर विशेष रूप से आमंत्रित अतिथि श्रोता के रूप में सर्व श्री ओमनारायण प्रधान, मनोज कुमार सिंह, रघुवंश नारायण सिंह, कृष्णानंद उपाध्याय, कुंजबिहारी राय, अरविन्द सिंह, सिंहासन सिंह यादव,वंश नारायण राय, राजेन्द्र उपाध्याय, जितेन्द्र श्रीवास्तव, बृजभान सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

आगंतुक जनों के प्रति स्वागत गान एवं संबोधन इंजीनियर महासंघ गाजीपुर के अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप सिंह यादव एवं कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक ने धन्यवाद व

आभार प्रमुख संयोजक सूर्यकुमार सिंह एवं गाजीपुर जिला संयोजक डॉ. विजय नारायण तिवारी ने किया।

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