माघ मेला 2026 की तैयारियाँ तेज़, कुंभ की यादें फिर हुईं ताज़ा
प्रयागराज। संगम नगरी में माघ मेला 2026 की तैयारियाँ इस समय पूरे उफान पर हैं। प्रशासन से लेकर सुरक्षा एजेंसियाँ और मेला प्राधिकरण—all मिलकर यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
तैयारियों की रफ्तार को देखते हुए मेले का माहौल अभी से जीवंत होने लगा है और इसी बीच कुंभ मेले की पुरानी यादें ताज़ा करतीं कुछ तस्वीरें भी एक बार फिर चर्चा में हैं—जिनमें तंबुओं की कतारें, साधुओं की परछाइयाँ और संगम की भोर का साया दिखाई देता है। इन तस्वीरों ने श्रद्धालुओं में उत्साह और भावनात्मक जुड़ाव दोनों बढ़ा दिए हैं।
🔶 सुरक्षा व्यवस्था: अतिरिक्त पुलिस बल तैनात
मेला क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर इस बार विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
पुलिस, PAC और NDRF की टीमें लगातार अभ्यास कर रही हैं।
ड्रोन से निगरानी और इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं।
भीड़ प्रबंधन के लिए 24×7 निगरानी की अलग यूनिट बनी है।अधिकारियों का कहना है कि दैनिक आवक बढ़ने पर भी किसी तरह की अव्यवस्था नहीं होने दी जाएगी।
🔶 श्रद्धालुओं की सुविधा: परिवहन और बिजली व्यवस्था पर जोर
मेला क्षेत्र में
नए बिजली ट्रांसफॉर्मर लगाए जा रहे हैं,
अस्थायी चौड़ी सड़कें तैयार हो रही हैं
और पार्किंग ज़ोनों की संख्या बढ़ाई गई है।
रीवर फ्रंट रोड के पास नए बस स्टॉप बनाए जा रहे हैं ताकि स्नान पर्वों पर आने-जाने में लोगों को परेशानी न हो।
🔶 भूमि आवंटन पर विवाद, समाधान जारी
कुछ अखाड़ों और सेवा संस्थाओं द्वारा भूमि आवंटन को लेकर आपत्तियाँ दर्ज कराई गई थीं।
मेला प्रशासन ने इस पर कहा है कि—
“सभी आवंटन पारदर्शी तरीके से किए जाएंगे, किसी भी इकाई को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।”
इस संबंध में वार्ता चल रही है और विवादों के निस्तारण के लिए विशेष समिति बनाई गई है।
🔶 कुंभ की यादें – लोगों द्वारा साझा पुरानी तस्वीरें चर्चा में
माघ मेला शुरू होने से पहले ही सोशल मीडिया पर कुंभ की पुरानी तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं—
संगम पर उगते सूरज के सामने नहाते श्रद्धालुओं की परछाइयों वाली तस्वीरें,
शाम की आरती में उठता धुआँ और दीपों की कतारें,
दूर तक फैले तंबुओं की रोशनी और साधुओं का मौन ध्यान,
संगम तट पर पगडंडी जैसी लगती भीड़ की स्याह आकृतियाँ…
इन दुर्लभ झलकियों ने लोगों में उत्सुकता बढ़ा दी है और मेला क्षेत्र में पहुँचने से पहले ही एक भावनात्मक जुड़ाव बना दिया है।
🔶 मेला प्रशासन का दावा
अधिकारियों के अनुसार,
“इस बार की सुविधाएँ पिछले सभी मेलों से बेहतर होंगी। सुरक्षा, स्वच्छता, आवागमन और जल व्यवस्थाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।”





