प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रविवार को मन की बात का किया संबोधित  : समझे 103वां एपिसोड।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से 15 अगस्त को हर घर में तिरंगा फहराने की  अपील।

बताया योग का अभ्यास कर रहे लोग स्वस्थ । आयु 100 वर्ष की योग टीचर महिला का दिया उदाहरण कहा इतनी उम्र के बाद भी वो स्वस्थ्य हैं।

अब काशी में हर साल 10 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंच रहे हैं।

सदाशिव महादेव की साधना और अराधना के साथ ही सावन हरियाली और खुशियों से जुड़ा

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम मन की बात को किया संबोधित ।  यह मन की बात का 103वां एपिसोड रहा।

संबोधन की शुरुआत देशभर में सामने आ रही प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति पर की।

  •  बीते कुछ दिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण चिंता और परेशानी से भरे रहे हैं।
  • यमुना समेत कई नदियों में बाढ़ से कई इलाकों में लोगों को तकलीफ उठानी पड़ी।
  • पहाड़ी इलाकों में भू-स्खलन की घटनाएं भी हुई हैं।

इस समय ‘सावन’ का पवित्र महीना चल रहा है।

सदाशिव महादेव की साधना-आराधना के साथ ही ‘सावन’ हरियाली और खुशियों से जुड़ा होता है।

इसलिए, ‘सावन’ का आध्यात्मिक के साथ ही सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्व रहा है।
आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हम सभी पूरे उत्साह से ‘अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं ।

अमृत महोत्सव’ के दौरान देश में करीब-करीब 2 लाख कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।

ये कार्यक्रम विविधता से भरे थे।
मुझे खुशी है कि ऐसा ही एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है | यहाँ देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएँ बना रहे हैं |

पीएम मोदी ने इससे पहले 18 जून को मन की बात कार्यक्रम के जरिए संबोधित किया था।

जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर सहित कई मुद्दों पर चर्चा की थी।

103वें एपिसोड में उन्होंने क्या बोले 10 मुख्य बिंदुओं में  विस्तार से यहां जानें।

1 मन की बात कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से 15 अगस्त को हर घर में तिरंगा फहराने की अपील की।

2. पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान एक 100 साल की महिला टीचर की चर्चा की। उन्होंने कहा कि फ्रांस दौरे के दौरान उनकी मुलाकात शारलोट शोपा से हुई थी। शारलोट एक योगा टीचर हैं। जिनकी उम्र 100 साल से अधिक है। वो पीछले 40 साल से योग का अभ्यास कर रही हैं। इतनी उम्र के बाद भी वो स्वस्थ्य हैं।

3. पीएम ने कहा कि अमेरिका में भारत को सौ से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां वापस लौटाई हैं।

उन्होंने बताया कि भारत लौटीं ये कलाकृतियां ढाई हजार साल से लेकर ढाई सौ साल तक पुरानी हैं।

•इन दुर्लभ चीजों का नाता देश के अलग-अलग क्षेत्रों से है।

•ये टेराकोटा स्टोन और मेटल से बनायी गयीं हैं।

•इनमें कुछ तो ऐसे हैं तो आपको आश्चर्य से भर देंगी। 

4. अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने लोगों से जल संरक्षण और वृक्षारोपण करने की अपील करते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों मे भी रौनक बढ़ गई है। अभी 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों को बनाने का काम चल भी रहा है। हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ जल संरक्षण के लिए नये-नये प्रयास कर रहे हैं।
5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के समय सभी ने मिलकर सामना किया। एक-दूसरे की मदद की। पीएम ने इसकी तारीफ की।

6. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मानसून के दौरान देश के कई राज्यों ने बाढ़ का सामना किया ।

लेकिन हमने एक बार फिर से अपनी साहस और संकल्प का परिचय दिया है। बाढ़ और प्राकृतिक आपदों से लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और सेना के जवानों ने अद्भुत काम किया है।

7. पीएम मोदी ने श्रावण मास की चर्चा करते हुए कहा कि इस समय सावन का पवित्र महीना चल रहा है। सदाशिव महादेव की साधना और अराधना के साथ ही सावन हरियाली और खुशियों से जुड़ा होता है।

8. उन्होंने कहा कि इस महीने का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। इन दिनों 12 ज्योतिर्लिंगों में खूब श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बनारस में रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु पहुंचे हैं। अब काशी में हर साल 10 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंच रहे हैं।

9. पीएम मोदी ने एमपी के शहडोल की चर्चा करते हुए कहा कि कुछ दिनों पहले मेरी मुलाकात पकरिया गांव के लोगों से हुई। मेरी उनसे प्रकृति और पानी बचाने के बारे में चर्चा हुई थी। अभी पता चला कि वहां के भाई और बहनों ने इस दिशा में काम करना भी शुरू कर दिया है।

10. मन की बात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है। यहां देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे। इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा। जब आप जब उज्जैन जाएंगे तो महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे।

 

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