झांसी रेलवे स्टेशन का कायाकल्प शुरू, 470 करोड़ की परियोजना से बदलेगी स्टेशन की तस्वीर

झांसी। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। स्टेशन के पुनर्विकास कार्य की शुरुआत पश्चिमी हिस्से से हो चुकी है। नवंबर 2024 से स्टेशन भवन की नींव डालने के साथ काम रफ्तार पकड़ चुका है। खास बात यह है कि नया स्टेशन भवन झांसी के ऐतिहासिक किले और रानी महल की स्थापत्य शैली से प्रेरित होगा, जिससे यात्रियों को शहर की सांस्कृतिक पहचान की झलक मिलेगी।
करीब 470.18 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जा रही इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत अब निर्माण कार्य सरकुलेटिंग एरिया तक पहुंच गया है। यहां व्यावसायिक परिसर (कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स) का निर्माण शुरू कर दिया गया है। रेलवे प्रशासन का लक्ष्य है कि यह पूरा प्रोजेक्ट अप्रैल 2028 तक पूरा कर लिया जाए। निर्माण की प्रगति पर झांसी मंडल के डीआरएम अनिरुद्ध कुमार लगातार नजर बनाए हुए हैं।
डीआरएम के अनुसार, स्टेशन को आने वाले 50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किया जा रहा है। यात्रियों को यहां एयरपोर्ट जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। स्टेशन पुनर्विकास योजना के तहत झांसी मंडल में दो प्रमुख स्टेशनों को चुना गया है, जिनमें ग्वालियर स्टेशन का कार्य लगभग अंतिम चरण में है, जबकि झांसी स्टेशन पर निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है।
परियोजना के अंतर्गत पश्चिमी हिस्से में नया स्टेशन भवन, तीन फुट ओवरब्रिज, जीआरपी कार्यालय, रेलवे मजिस्ट्रेट न्यायालय, रेलवे जूनियर इंस्टीट्यूट, दूसरी एंट्री गेट और सर्कुलेटिंग एरिया का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही स्टेशन के दोनों ओर विशाल पार्किंग की व्यवस्था होगी।
यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन पर 36 लिफ्ट, 19 एस्केलेटर, बड़े क्षमता वाले प्रतीक्षालय और अत्याधुनिक वातानुकूलित लाउंज बनाए जाएंगे। निर्माण कार्य के दौरान यात्रियों को परेशानी न हो, इसके लिए मुख्य सड़क से प्लेटफार्म तक पहुंचने हेतु अस्थायी प्रवेश द्वार भी तैयार कर लिया गया है।
पुनर्विकास पूरा होने के बाद झांसी रेलवे स्टेशन न सिर्फ आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, बल्कि अपनी ऐतिहासिक विरासत को भी नए स्वरूप में प्रदर्शित करेगा।

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