यूपी सरकार के रडार पर स्कूल वाहन

■परिवहन मंत्री ने दिए एक-एक गाड़ी की जांच के निर्देश

■आठ जुलाई से चलेगा अभियान

लखनऊ : स्कूली बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यूपी सरकार के रडार पर अब स्कूली वाहन आ गए हैं।

प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने स्कूली वाहनों की ■फिटनेस,

■परमिट,

■बीमा व

■प्रदूषण आदि के प्रमाणपत्रों की वैधता की जांच के निर्देश दिए हैं।

इसके लिए आठ जुलाई से अभियान चलाया जाएगा। मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्कूलों में संचालित वाहनों की जिलावार सूची परिवहन विभाग तैयार कर रहा है।

इसके बाद सभी पंजीकृत स्कूली वाहनों का सत्यापन परिवहन विभाग के अधिकारी करेंगे। फिट व अनफिट पाए गए वाहनों की अलग-अलग सूची तैयार कर स्कूल प्रबंधकों एवं वाहन स्वामियों के साथ बैठक कर उनका मानक के अनुरूप संचालन कराया जाएगा।
ऐसी जानकारी मिली है कि प्रदेश के अधिकतर जिलों में मानकों के विपरीत बिना फिटनेस या स्कूल के नाम बिना पंजीकृत या अनुबंधित स्कूल वाहनों का संचालन किया जा रहा।

मारुति वैन, मैजिक, आटो व ई-रिक्शा में बच्चों को विद्यालयों एवं अभिभावकों की सहमति से स्कूल भेजा जा रहा है, जो कि मोटरयान नियमावली का उल्लंघन है। ऐसे लोगों के खिलाफ प्रर्वतन दल अभियान चलाकर कार्रवाई करेगा।
परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि प्रवर्तन से जुड़े सभी अधिकारियों को आठ जुलाई से अभियान चलाने के लिए निर्देशित किया जा चुका है।

लगभग एक पखवारे तक स्कूली वाहनों की फिटनेस व परमिट आदि की जांच का अभियान चलाया जाएगा और नियम विरुद्ध संचालित वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बड़े पैमाने पर स्कूलों में छोटे वाहन चल रहे हैं। इनकी हालत बेहद खस्ता है। पांच सवारी वाले छोटे वाहनों में 15 से बीस बच्चों को बैठाया जाता है।

कुछ वाहनों में तो बच्चों को ठूंस कर ऐसे बैठाया जाता है जैसे सामान का बोरा रखा गया हो। हादसा होने पर इससे बड़ी संख्या में बच्चे हताहत होते हैं।

ग्रामीण इलाकों में तो स्थिति और भी ज्यादा खराब है। छोटे-छोटे स्कूल गली गली में खुले हैं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह बने हुए हैं।

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