विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर निकला मौन जुलूस

■*विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर प्रदर्शनी का जीआईसी में हुआ आयोजन*

सीडीओ रवींद्र कुमार ने प्रदर्शनी का किया अवलोकन

*देवरिया,  विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर 1947 के ऐतिहासिक विभाजन में अपनी जान गंवाने वाले लाखों व्यक्तियों के सम्मान में आज एक मौन जुलूस का आयोजन किया गया।

मौन जुलूस न्यू कॉलोनी स्थित  पार्क से प्रारंभ होकर जलकल रोड, कोतवाली रोड होते हुए जीआईसी पहुँची, जहाँ विभाजन की त्रासद गाथा को वक्त करने वाली प्रदर्शनी का अवलोकन लोगों द्वारा किया गया। मौन जुलूस में विभाजन की विभीषिका झेलने वाले सिंधी एवं पंजाबियों, उनके वंशज सहित बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हुए।
इस अवसर पर सीडीओ रवींद्र कुमार ने बताया कि 1947 में भारतीय उपमहाद्वीप में लोगों का बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ था। लगभग 10 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। साठ लाख से अधिक लोग पश्चिमी पंजाब, सिंध से आये थे। बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए और उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। महिलाओं के साथ बर्बरता बरती गई। ऐसे में उन अनाम व्यक्तियों के प्रति भी सम्मान व्यक्त करना हमारा कर्तव्य है, जिन्होंने देश के विभाजन की कीमत चुकाई है।
विभाजन विभीषिका दिवस के अवसर पर जीआईसी में एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया है। प्रदर्शनी में विभाजन से जुड़े राष्ट्रीय अभिलेखागार के अभिलेखों का प्रदर्शन किया गया है। विभाजन में अंग्रेजों की भूमिका, मुस्लिम लीग की भूमिका, विभाजन के दौरान अनिश्चित भविष्य की यात्रा करते लोग, तत्कालीन प्रेस का नजरिया, महिलाओं के साथ हुई हिंसा की भयावहता को उकेरते चित्र शामिल हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

इस अवसर पर जीआईसी के प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार शर्मा, डीपीओ कृष्णकांत राय, डीआईओएस राजेंद्र प्रसाद सरोज एडीआईओएस महेंद्र प्रसाद गीता देवी गोविंद सिंह सरदार दीपक, सरदार गुरमीत सिंह, भगत जी सहित विभिन्न गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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