अंजुमन इमामिया के संयोजन में अर्दली बाज़ार मास्टर जहीर हुसैन के इमाम दरगाह से सबसे बड़ा चेहलुम का जुलूस निकला।

मौलाना गुलज़ार मौलाई ने मजलिस को खिताब किया ।बाद मजलिस अलम,ताबूत, दुलदुल अली असगर का झूला, उठो पर अमारी का जुलूस निकला जो अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ, पुनः उसी इमामबारगाह में समाप्त हुआजुलूस अर्दली बाजार की मुख्य सड़क पर पहुंचने पर अली जनाब मौलाना तजीबुल हसन (रांची) ने तकरीर की-
जुलूस में अंजुमन अंसारे हुसैनी,अंजुमन हुसैनिया,अंजुमन जादे आख रत,अंजुमन पैगामे हुसैनी,ने नौहा, मातम करते चल रही थी।मौलाना तौसीफ अली ने जुलुस का परिचय कराया,संचालन बाकर बलियाबी ने किया
जगह जगह मोमनिनों के लिए सबील अल्पाहार प्रसाद (तबरुक) वितरण जारी रहा।पूरा इलाका काले कपड़ों पर लिखें शोलोको से पटा था।
जुलूस को सकुशल संपन्न कराने में एस एम जाफर, ज़फ़र अब्बास, फसाहत हुसैन बाबू, सुजात रुस्तम,इरशाद हुसैन, हसन मेंहदी कब्बन, दिलकश रिज़वी, तनवीर मेंहदी, राहिल नकवी, रियासत हुसैन, विक्की जाफरी, अकबर मेंहदी,फैजान हुसैन ने मुख्य भूमिका अदा की

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मेरे अल्फ़ाज.......... मैं पत्रकार हूं मैं खोज हूँ , मैं विचार हूँ , मैं अभिव्यक्ति,की पुकार हूँ मैं सत्य का प्रसार हूँ मैं पत्रकार हूँ | किसी सच की, तलाश में या किसी शक के ,आभास में मैं किसी लाचार का विचार हूँ या किसी नेता पर प्रहार हूँ मैं पत्रकार हूँ | मैं चाहूँ तो, राई का पहाड़ बना दूं | या महज़ ,आरोप की सज़ा सुना दूं मैं चाहूँ तो बिन बात ,की हवा बना दूं या किसी ,उठती आवाज़ की भ्रूण हत्या करवा दूं मैं विधि का विधान हूँ हां मैं पत्रकार हूँ |