रामलला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तीसरा दिन आज ही गर्भगृह में निर्धारित आसन पर स्थापि⁶त कर दी जाएगी।

■सरयू तट पर विष्णु पूजा और गौ दान होगा।

■देर शाम राम लला की श्यामवर्ण प्रतिमा को क्रेन की मदद से मंदिर परिसर में लाया गया।

आपको बता दे कि अयोध्या में नव निर्मित राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के धार्मिक अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हो गए हैं।
आज प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का तीसरा दिन है।
सरयू तट पर विष्णु पूजा और गौ दान होगा।
●आज 18 जनवरी को तीर्थ पूजन जल यात्रा जलाधिवास और गंधाधिवास
● 19 जनवरी की सुबह औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और शाम को धान्याधिवास होगा,
●20 जनवरी की सुबह शर्कराधिवास, फलाधिवास और शाम को पुष्पाधिवास,
●21 जनवरी की सुबह मध्याधिवास और शाम को शय्याधिवास होगा,
● 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी।

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आज तीसरा दिन है। रामलला की प्रतिमा आज ही गर्भगृह में निर्धारित आसन पर स्थापित कर दी जाएगी।

मंदिर में रामलला के विग्रह को मंदिर में सुरक्षित उतार कर गर्भ गृह की चौखट पर पहुंचाया गया

प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने वाले अतिथि
150 से अधिक परंपराओं के संत, भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में शामिल होंगे।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का गुरुवार को तीसरा दिन है।
इससे पहले बुधवार देर शाम राम लला की श्यामवर्ण प्रतिमा को क्रेन की मदद से मंदिर परिसर में लाया गया।
इस प्रतिमा को अभी गर्भगृह में रखा गया था।
आज और कल के अनुष्ठान में इस प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।
नव्य व भव्य मंदिर प्रतिष्ठित की जाने वाली रामलला की श्यामवर्णी प्रतिमा बुधवार को हनुमानगढ़ी से होते हुए रात्रि आठ बजे राम मंदिर में पहुंची।

इस दौरान भक्तों ने जय सिया राम और जय श्रीराम का उद्घोष किया।

राम लला जन्मभूमि पहुंच चुके हैं। अभी इस प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह में रखा गया। शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे से इस प्रतिमा की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा का पूजन शुरू होगा।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आज तीसरा दिन

22 जनवरी को होंगे अंतिम दिन के अनुष्ठान

23 जनवरी से राम भक्तों के लिए खुल जाएंगे द्वार

आज और कल के अनुष्ठान में इस प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। नव्य व भव्य मंदिर  में प्रतिष्ठित की जाने वाली रामलला की श्यामवर्णी प्रतिमा बुधवार को हनुमानगढ़ी से होते हुए रात्रि आठ बजे राम मंदिर में पहुंची। इस दौरान भक्तों ने जय सिया राम और जय श्रीराम का उद्घोष किया।

श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया, मूर्ति को गुरुवार को गर्भगृह में स्थापित किए जाने की संभावना है।

श्यामवर्णी रामलला के इस विग्रह को अरुण योगीराज ने तैयार किया है। इसे रामघाट स्थित विवेक सृष्टि अंतरराष्ट्रीय ध्यान योग केंद्र में निर्मित किया है। बुधवार को इस विग्रह को राम मंदिर परिसर में लाया गया।

सबसे पहले विग्रह को ट्रक पर रखकर कड़े सुरक्षा घेरे में मंदिर पहुंचाया गया। विवेक सृष्टि से यह ट्रक लगभग शाम साढ़े सात बजे निकला। इसके बाहर निकलते ही केंद्र के बाहर खड़े भक्तों ने जय श्रीराम का उद्घोष करना शुरू कर दिया।

रास्ते भर लोग आराध्य को देखने के लिए लालायित दिखे, लेकिन प्रतिमा की झलक तक न मिली। जय श्रीराम जय श्रीराम.. का उद्घोष होता रहा।

विवेक सृष्टि से ट्रक बाईपास स्थित बहुमंजिला पार्किंग के रास्ते होता हुआ लता मंगेशकर चौराहे पहुंचा। यहां से ट्रक रामपथ से होता हुआ भक्तिपथ स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर के सामने से रामजन्मभूमि परिसर में लाया गया।

 

श्यामवर्णी रामलला के इस विग्रह को अरुण योगीराज ने तैयार किया है। इसे रामघाट स्थित विवेक सृष्टि अंतरराष्ट्रीय ध्यान योग केंद्र में निर्मित किया है। बुधवार को इस विग्रह को राम मंदिर परिसर में लाया गया।

सबसे पहले विग्रह को ट्रक पर रखकर कड़े सुरक्षा घेरे में मंदिर पहुंचाया गया। विवेक सृष्टि से यह ट्रक लगभग शाम साढ़े सात बजे निकला। इसके बाहर निकलते ही केंद्र के बाहर खड़े भक्तों ने जय श्रीराम का उद्घोष करना शुरू कर दिया।

रास्ते भर लोग आराध्य को देखने के लिए लालायित दिखे, लेकिन प्रतिमा की झलक तक न मिली। जय श्रीराम जय श्रीराम.. का उद्घोष होता रहा।

विवेक सृष्टि से ट्रक बाईपास स्थित बहुमंजिला पार्किंग के रास्ते होता हुआ लता मंगेशकर चौराहे पहुंचा। यहां से ट्रक रामपथ से होता हुआ भक्तिपथ स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर के सामने से रामजन्मभूमि परिसर में लाया गया।

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