मेट्रो की धूल से बाहर निकलेगा ताज नगरी का रास्ता, सड़कों को मिलेगी नई पहचान
आगरा। मेट्रो निर्माण के चलते बीते महीनों में आगरा की रफ्तार जरूर थमी, लेकिन अब शहर की सूरत बदलने का वक्त आ गया है। जहां कभी बैरीकेडिंग, खुदी सड़कें और उड़ती धूल लोगों की परेशानी बनी हुई थीं, वहीं अब उन्हीं सड़कों पर हरियाली, साफ-सुथरा ट्रैफिक और कलात्मक पिलर नजर आएंगे।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) ने शहर के सबसे व्यस्त एमजी रोड और नेशनल हाईवे-19 से बैरीकेडिंग हटाने का काम शुरू कर दिया है। प्रतापपुरा से हरीपर्वत तक एक माह के भीतर सड़कें खुल जाएंगी, जबकि सूरसदन तिराहा से भगवान टॉकीज चौराहे तक लंबे समय बाद, करीब सात महीने में, बैरीकेडिंग हटेगी।
मेट्रो निर्माण के साथ-साथ अब सड़क सुंदरीकरण पर भी फोकस किया जा रहा है। डिवाइडरों के बीच पौधे लगाए जाएंगे, जिससे गर्मी और प्रदूषण दोनों पर लगाम लगेगी। वहीं मेट्रो पिलरों पर की जाने वाली चित्रकारी शहर को एक नया विजुअल आकर्षण देगी। यह पूरा काम फतेहाबाद रोड के मॉडल पर किया जाएगा।
आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से कालिंदी विहार तक 16 किलोमीटर लंबे दूसरे मेट्रो कॉरिडोर में 14 स्टेशन बन रहे हैं, जिनमें से एमजी रोड पर पांच स्टेशन होंगे। सभी स्टेशन एलिवेटेड होंगे। वहीं पहले कॉरिडोर में ISBT से सिकंदरा तिराहा तक तीन एलिवेटेड स्टेशन आकार ले रहे हैं। दोनों प्रमुख मार्गों पर ट्रैक और गर्डर का अधिकांश काम पूरा हो चुका है।
इसी बीच यमुना नदी पर बनने वाला 200 करोड़ रुपये का मेट्रो पुल भी ताज नगरी की तस्वीर बदलने वाला है। डेढ़ साल में तैयार होने वाले इस पुल के लिए पाइलिंग का काम शुरू हो चुका है, जो चार से छह माह तक चलेगा। नदी के दोनों किनारों से एक साथ काम किया जा रहा है, जिसके लिए दो रिग मशीनें लगाई गई हैं।
UPMRC के संयुक्त महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्र के अनुसार, जहां-जहां निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, वहां से बैरीकेडिंग हटाकर सड़क को व्यवस्थित और सुंदर बनाया जा रहा है।
कुल मिलाकर, मेट्रो निर्माण से बिगड़ा आगरा अब आधुनिक परिवहन, हरी-भरी सड़कों और बेहतर ट्रैफिक सिस्टम के साथ नए रंग-रूप में सामने आने को तैयार है। ताज नगरी के लिए यह बदलाव सिर्फ सफर का नहीं, बल्कि शहर की पहचान का भी है।





