इस तरह सामने से दिखेगा राम मंदिर,जारी की ट्रस्ट ने फ्रंट लुक की तस्वीर

अयोध्या।रामनगरी अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने मनमोहक तस्वीर जारी की है।ये तस्वीर राम मंदिर का फ्रंट लुक प्रदर्शित करती है और सामने से मंदिर किस तरह नजर आएगा यह सब कुछ दिखाती भी है।

• राम मंदिर कितना लंबा और कितना चौड़ा होगा

•इसकी ऊंचाई कितनी होगी,राम मंदिर के निर्माण में कितने उतार-चढ़ाव आए,किन पत्थरों से निर्माण हो रहा है।

•जिससे इसकी अवधि 1000 साल तक बताई जा रही है।

यही नहीं जब भक्त रामलला का दर्शन करने मंदिर परिसर में पहुंचेंगे तो उन्हें मंदिर के अलावा क्या कुछ देखने को मिलने वाला है समझे विस्तर से
     ऐसा होगा आकार  राम मंदिर का 

■ राम मंदिर के भूतल पर पूरब और पश्चिम दिशा में 380 फीट लंबाई है।

■उत्तर और दक्षिण दिशा में 250 फीट चौड़ाई होगी।

राम मंदिर मंदिर भूतल के साथ तीन मंजिल का होने वाला है।

राम मंदिर की कुल ऊंचाई 392 फीट होगी।■जिसमें भूतल 166 फीट।

■पहली मंजिल 144 फीट और

■दूसरी में 82 फीट ऊंचा होगा।

गर्भ गृह और उसके आस-पास नक्काशीदार बलुआ पत्थर लगा हुआ है।इसके लिए करीब 4.70 लाख क्यूबिक फीट नक्काशी दर पत्थरों को राजस्थान के भरतपुर जिले में बंसी,पहाड़पुर और सिरोही जिले के पिंडवाड़ा से आया है।

राजस्थान की मकराना पहाड़ियों के सफेद संगमरमर द्वारा गर्भ गृह के भीतर निर्माण किया गया है,जिस पर नक्काशी का काम भी करीब-करीब पूरा हो गया है।बाढ़ और मिट्टी के कटान को रुकने के लिए दक्षिणी पश्चिमी और उत्तरी दिशा में रिटेनिंग वॉल का निर्माण हो रहा है।

 बनाया गया राम के भक्तों के लिए परिक्रमा मार्ग

राम मंदिर के प्रांगण क्षेत्र समेत कुल 8 एकड़ भूमि में एक आयताकार दो मंजिला परिक्रमा मार्ग परकोटे का भी निर्माण चल रहा है।

यह भीतरी भूतल से 18 फीट ऊंचा होगा और इसकी चौड़ाई 14 फीट होगी।

यहां राम कथा कुंज की भी स्थापना होगी

इसमें भगवान राम के जीवन चक्र को अलग-अलग वृतांत वाली मूर्तियों के जरिए समझाया जाएगा। शीशे के शोकेस में बैंड इन मूर्तियों के आसपास लाइटिंग और सजावट होगी।प्रत्येक मूर्ति के नीचे उसका वृतांत और रामचरितमानस की चौपाइयां लिखी होंगी।

*वन गमन और लंका विजय के सहयोगियों का भी होगा मंदिर*

श्री रामचरितमानस में कई ऐसे नाम है।इन नामों का योगदान लंका विजय और वन गमन के दौरान रहा है।इसलिए जब लंबे इंतजार के बाद उनका मंदिर बन रहा है, तो उनके सहयोगियों के भी मंदिर बनाया जा रहा है।

■ इसमें माता शबरी

■ नाव पर से उतरने वाले निषादराज।

■सीता हरण के समय रावण को रोककर युद्ध करने वाले जटायु।

■संस्कृति में रामायण की रचना करने वाले महर्षि बाल्मीकि।

■विघ्नहर्ता श्री गणेश जी,

■शेषावतार लक्ष्मण जी और माता सीता का भी मंदिर शामिल है।

काफी कठिनाइयों से भरा रहा राम मंदिर निर्माण का सफर

कई दशकों तक इंतजार और सुप्रीम कोर्ट कि फैसले के बाद जब रामनगरी में राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो सब कुछ आसान नहीं रहा।

पहले समुद्र में निर्माण की तरह जमीन में पिलर का बोर कर राम मंदिर का आधार तैयार किया जाना था।अक्टूबर 2020 तक यह परीक्षण जमीन के नीचे मलवा और बलुई मिट्टी होने के कारण फेल हो गया।

इसके बाद एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन हुआ और राम मंदिर निर्माण स्थल के नीचे की भूमि का परीक्षण कराया गया।

दिसंबर 2020 में हुए इस परीक्षण के बाद अगले तीन माह तक राम मंदिर निर्माण स्थल पर गहरा गड्ढा कर उसके नीचे के 1.85 लाख घन मीटर मलवे और बलुई मिट्टी को हटाया गया।

इस गड्ढे को भरने और जमीन की सतह को मजबूत करने के लिए कंपैक्ट कंक्रीट का उपयोग किया गया।

इसके लिए विशेष इंजीनियरिंग मिश्रण की 12 इंच मोटी परत को 10 टन भारी क्षमता वाले रोलर से कंप्रेस किया गया,जिससे परत की मोटाई 10 इंच रह गई।गर्भ गृह के स्थान पर इस तरह की 56 परत और शेष भाग में 48 विशेष मिश्रण की परत डाली गई और उसको कंप्रेस किया गया।

राम मंदिर निर्माण स्थल पर भूमि की सतह का निर्माण करने के बाद जनवरी 2022 में राम मंदिर की फर्श का कार्य शुरू हुआ था।इसमें कर्नाटक और तेलंगाना की ग्रेनाइट पत्थरों के 17000 ब्लॉक का इस्तेमाल किया गया है।

Share.