इस चंद्र ग्रहण को दुनिया ने देखा इसके बाद 24 मार्च 2024 को अगला चंद्र ग्रहण दिखाई पड़ेगा
चंद्र ग्रहण को दुनिया के अलग-अलग देशों के साथ भारत में भी गुजरात के राजकोट में इसे देखा गया
चंद्र ग्रहण इस साल की आखिरी खगोलीय घटना थी इसके बाद 24 मार्च 2024 को अगला चंद्र ग्रहण दिखाई पड़ेगा
शरद पूर्णिमा तिथि मास वर्ष गोचर की गणना से देखें तो 2005 में शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण था और अब 2023 में शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण की स्थिति बनी । आशिक चंद्र ग्रहण को भारत समेत पृथ्वी पर करीब हर जगह से देखा गया
भारत के अलावा यह यूरोप एशिया ऑस्ट्रेलिया अफ्रीका नॉर्थ अमेरिका नॉर्थ ईस्ट साउथ अमेरिका पेसिफिक अटलांटिक इंडियन ओशन आर्कटिक और अंटार्कटिका के ऊपर देखा गया।
देश के हिसाब से देखें तो अफगानिस्तान चीन ईरान टर्किए अल्जीरिया बांग्लादेश भूटान मंगोलिया नाइजीरिया ब्रिटेन स्पेन स्वीडन मलेशिया फिलीपींस थाईलैंड ऑस्ट्रेलिया जापान इंडोनेशिया कोरिया और ब्राजील के पूर्वी भागों में भी आशिक चंद्र ग्रहण नजर आया आपको बता दे कि जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आती है तब चंद्र ग्रहण लगता है जिसे बेहद ही महत्वपूर्ण और खगोलीय घटना माना गया है और इसलिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों की ग्रांड पर नजर होती है वही धार्मिक दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण एक अशुभ घटना होती है और राहु केतु से इसे जोड़ा जाता है कहते हैं कि व्यक्ति के जीवन पर ग्रहण का बुरा असर पड़ता है इसलिए इस दौरान भगवान की आराधना करने की सलाह दी जाती है कि चंद्र ग्रहण आमतौर पर तीन तरह के होते हैं इन्हें पूर्ण आशिक और अपचयन चंद्र ग्रहण कहा जाता है इनमें से हर तरह के लिए अलग खगोलीय स्थिति जिम्मेदार है पूर्ण चंद्र ग्रहण कब होता है जब पृथ्वी सूर्य तथा चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं इसके कारण पृथ्वी की छाया पूरी तरह से चंद्रमा को ढक लेती है जिससे कि चंद्रमा पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है वही आशिक चंद्र ग्रहण जब पृथ्वी की परछाइयां चंद्रमा के पूरे भाग को ढकने की बजाय किसी एक हिस्से को ही ढके तब आशिक चंद्र ग्रहण होता है ।
इस दौरान चंद्रमा के एक छोटे हिस्से पर ही अंधेरा होता है इसके अलावा उपचार चंद्र ग्रहण यह तब लगता है जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा के बाहरी भाग पर पड़ती है और इस तरह के चंद्र ग्रहण को देखना मुश्किल होता है