भद्राकाल के बीत जाने के बाद ही बांधे

कल रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार के सांथ हिंदू धर्म में रक्षाबंधन के त्योहार का विशेष महत्व होता है।

आपको बता दें कि वैदिक पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है।

इस बार भी रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा।

ऐसी मान्यता है जब भी भद्रा होती है तो इस दौरान राखी बांधना शुभ नहीं होता है। राखी हमेशा भद्राकाल के बीत जाने के बाद ही बांधी जाती है।

इस बार दोपहर बाद राखी बांधने का समय

इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहने के कारण दोपहर बाद राखी बांधी जाएगी। दोपहर 01 बजकर 30 मिनट के बाद से राखी बांधी जा सकती है।

■भद्रा काल की शुरुआत-  19 अगस्त सुबह 2 बजकर 21 मिनट पर
■भद्रा काल का अंत- 19 अगस्त दोपहर 01 बजकर 31 मिनट पर
■भद्रा काल पूंछ- सुबह 09 बजकर 51 मिनट से 10 बजकर 53 मिनट पर
■भद्रा काल मुख- सुबह 10 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट पर

राखी पर बहन को मैसेज पर भेजें ये खास संदेश के साथ 

 卐卐卐आसमान पर सितारे है जितने,
卐卐卐卐उतनी जिंदगी हो तेरी।
卐卐卐卐किसी की नजर न लगे,
卐卐卐卐दुनिया की हर खुशी हो तेरी।
卐卐卐卐रक्षाबंधन के दिन भगवान से
卐卐卐卐बस यह दुआ है मेरी।

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● बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता
●वो चाहे दूर भी हो तो गम नहीं होता,
●अक्सर रिश्ते दूरियों से फीके पड़ जाते हैं
●पर भाई-बहन का प्यार कभी कम नहीं होता।

आप भी रखे खास यह ध्यान राखी बांधें तो भाई का मुख इस दिशा में हो

वास्तु के अनुसार राखी बांधने के लिए भाई का मुख पूरब दिशा और बहन का मुख पश्चिम दिशा में होना चाहिए।

राखी हमेशा दाहिने हाथ की कलाई में बाधें

इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहने के कारण दोपहर बाद राखी बांधी जाएगी। दोपहर 01 बजकर 30 मिनट के बाद से राखी बांधी जा सकती है।

कुछ उपाय है जिन्ह रखे  ध्यान मे 

रक्षाबंधन पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन दोनों भाई-बहन को भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इससे कार्यों में सफलता मिलती है। साथ ही तरक्की के योग बनते हैं। इस दौरान भाई की फिटकरी से नजर उतारें। इसके लिए सबसे पहले एक फिटकरी लें। उसे भाई के सिर से 7 बार उतारे।

बाद में उस फिटकरी को घर से दूर किसी चौराहे पर फेंक दें। इससे नजर का प्रभाव कम होता है। राखी पर सावन का आखिरी सोमवार व्रत भी रखा जा रहा है। ऐसे में सभी बहनों को भाई की तरक्की और लंबी उम्र के लिए शिव जी की पूजा करनी चाहिए।

कल 19 अगस्त को रक्षाबंधन पर सावन सोमवार का व्रत भी रखा जा रहा है। ऐसे में सबसे पहले महादेव की पूजा करें। फिर शिवलिंग का गंगाजल और दूध से अभिषेक करें। इसके बाद बेलपत्र और गंगाजल चढ़ाएं। भगवान शिव को मिठाई और फल अर्पित करें।

इस दौरान राखी का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से रात 9 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। ऐसे में मुहूर्त के अनुसार भाई को राखी बांधें।

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स्कंद पुराण, पद्मपुराण और श्रीमद्भागवत पुराण की कथा के अनुसार असुरराज दानवीर राजा बलि ने देवताओं से युद्ध करके स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था और ऐसे में उसका अहंकार चरम पर था। इसी अहंकार को चूर-चूर करने के लिए भगवान विष्णु ने अदिति के गर्भ से वामन अवतार लिया और ब्राह्मण के वेश में बलि के द्वार भिक्षा मांगने पहुंच गए।

चूंकि राज बलि महान दानवीर थे तो उन्होंने वचन दे दिया कि आप जो भी मांगोगे मैं वह दूंगा। भगवान ने बलि से भिक्षा में तीन पग भूमि मांग ली।

बलि ने तत्काल हां कर दी। लेकिन तब भगवान वामन ने अपना विशालरूप प्रकट किया और दो पग में सारा आकाश, पाताल और धरती नाप लिया।

फिर पूछा कि राजन अब बताइये कि तीसरा पग कहां रखूं? तब विष्णुभक्त राजा बलि ने कहा, भगवान आप मेरे सिर पर रख लीजिए और फिर भगवान ने राजा बलि को रसातल का राजा बनाकर अजर-अमर होने का वरदान दे दिया।

लेकिन बलि  ने इस वरदान के साथ ही अपनी भक्ति के बल पर भगवान से रात-दिन अपने सामने रहने का वचन भी ले लिया।

भगवान को वामनावतार के बाद पुन: लक्ष्मी के पास जाना था लेकिन भगवान ये वचन देकर फंस गए और वे वहीं रसातल में बलि की सेवा में रहने लगे।

उधर, इस बात से माता लक्ष्मी चिंतित हो गई। ऐसे में नारदजी ने लक्ष्मीजी को एक उपाय बताया। तब लक्ष्मीजी ने राजा बली को राखी बांध अपना भाई बनाया और अपने पति को अपने साथ ले आईं। उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि थी। तभी से यह रक्षा बंधन का त्योहार प्रचलन में हैं।

भाई न होने पर बहनें किसे बांधें रक्षासूत्र

रक्षाबंधन बहन-भाई के स्नेह और प्यार का त्योहार माना गया है।

जिन बहनों के अगर कोई भाई नहीं तो वे अपने पिता, इष्टदेव और घर पर लगे किसी पेड़-पौधे को रक्षासूत्र बांधे।

 

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