बच्चों ने मां सरस्वती की संध्या वंदन कर विद्या और बुद्धि की कामना
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विनय पचौरी focusnews24x7
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मां सरस्वती के आशीर्वाद बिना इंसान ना तो विद्या हासिल कर सकता है और ना ही सफलता की सीढ़ी चढ़ सकता है। जो इनकी सच्चे मन से पूजा करता है वो ही प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता है, ये ज्ञान और कला की देवी बहुत ही मोहक हैं।
सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा की मानसपुत्री हैं मां सरस्वती
इनकी उपासना करने से मूर्ख भी विद्वान् बन सकता है। सरस्वती को साहित्य, संगीत, कला की देवी माना जाता है।
वैदिक परंपरा अंतर्गत कराई जाती है संध्या वंदना सरस्वती विद्या मंदिर में
इसी क्रम में सरस्वती विद्या मंदिर झांसी रोड उरई के बच्चों द्वारा गुरुओ,आचार्यों के निर्देशन में प्रतिदिन भारतीय सांस्कृतिक सनातनी परंपरा में संध्या वंदन किया जाता है जिसमें सरस्वती वंदना मे ओम जय जगदीश हरे की आरती करते है।
तत्पश्चात गुरुओं से शिक्षा निर्देशन प्राप्त होता है तदोपरांत भोजन मंत्रोच्चारण बद बच्चों द्वारा संध्या भोजन ग्रहण किया जाता है।
जैसे सुबह की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है, वैसे ही शाम का पूजा का भी विद्यालय में विशेष महत्व है ।
बच्चों आपको किसी अंधविश्वास में ना आकर बल्कि ईश्वर की आस्था मे विश्वास रखना चाहिये व उनकी शक्ति पर विशेष चर्चा की पत्रकार एकता संघ की प्रदेश सचिव ओमप्रकाश उदैनिया ने और कहा कि देवी वंदना का हिन्दू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है।