राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक तिरंगे के अपमान वाराणसी कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ ने दिया पत्रक।

रिपोर्ट :रोहित सेठ वाराणसी 

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स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए तिरंगे झंडे को समय से न उतारने की वजह से वह कहीं फटा हुआ है, खीन झुका हुआ है, तो कहीं उलटा हुआ है।

वस्तुतः यह राष्ट्र ध्वज का खुला अपमान है और साथ ही उन कानूनों का भी उल्लंघन है, जोकि राष्ट्र ध्वज की गरिमा को बनाए रखने के लिए देश के संविधान निर्माताओं ने बनाया था ।

झंडा, सिर्फ झंडा भर नहीं होता बल्कि वह खुद में किसी राष्ट्र का सर्वोच्च नायक होता है ।

देश की अस्मिता और देश के स्वाभिमान से उसका गहरा रिश्ता होता है । इस बात को जेहन में रखकर ही हमे राष्ट्र ध्वज को फहराने कि अनुमति देनी चाहिए ।

इस संदर्भ में आज वाराणसी कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष एडवोकेट लोकेश सिंह एवं विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट अशोक सिंह के नेतृत्व में वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपर जिलाधिकारी ( प्रशासन ) को मिलकर अपनी चिंता से वाकिफ भी किया तथा साथ ही इस आशय का पत्रक सौंपा । पत्रक में कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ की तरफ से यह मांग की गई कि वाराणसी में सार्वजनिक जगहों पर जहां जहां भी राष्ट्र ध्वज लगाया गया है, उसे तत्काल जिला प्रशासन की निगरानी में सम्मान सहित उतार कर और सही गरिमामई ढंग से उसका निस्तारण किया जाय ।

इस अवसर पर पत्रक देने वालों में एडवोकेट अशोक सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष विधी विभाग, एडवोकेट लोकेश कुमार सिंह जिलाध्यक्ष विधी विभाग, राजीव कुमार उर्फ राजू राम , शिवानंद राय, कृष्णा नन्द सिंह, डिम्पल सिंह, मोहसिन खान मौजूद थे ।

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