*जब जब होई धर्म की हानि, बढ़ाही असुर अधम अभिमानी*

रिपोर्ट: प्रदीप शिवहरे focusnews24x7

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एट। ग्राम अकोढ़ी शिवालय मंदिर पर चल रही श्री मद भागवत कथा के तीसरा दिन पर कथा वाचक पंडित सोनू कृष्ण शास्त्री ( वृंदावन धाम )ने रविवार को कथा मे बताया कि जब जब धर्म की हानि होती है और असुरों का उत्थान होता है तब जाकर प्रभु धर्म की स्थापना एवं असुरों के विनाश के लिए अवतार लेते हैं

जिंसमे एक दोहा भी है जैसे जब जब होई धरम की हानि बढ़ा ही असुर अधम अभिमानी, तब तब प्रभु धरि विविध शरीरा हरहि कृपा निधि सज्जन पीरा

वही कथा वाचक ने बताया कि जब जब धर्म पर विपदा आती है तो उस विपदा को दूर करने के लिए तब तब भगवान का अवतार होता है। पुराणों के अनुसार, भगवान विष्णु के दो भक्त जय और विजय शापित होकर हाथी व मगरमच्छ के रूप में धरती पर उत्पन्न हुए थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार गंडक नदी में एक दिन कोनहारा के तट पर जब हाथी पानी पीने आया तो मगरमच्छ ने उसे पकड़ लिया। फिर हाथी मगरमच्छ से छुटकारा पाने के लिए कई वर्षों तक लड़ता रहा। इसके बाद वामन अवतार प्रसंग में बताया कि हमारे पास जो है वह सब कुछ भगवान का ही है।

भगवान की वस्तुओं को भगवान को समर्पित कर जीवन मुक्ति को प्राप्त कर सकता है। जिस प्रकार महाराज बलि ने सब कुछ भगवान वामन को समर्पित कर भगवान को ही प्राप्त कर लिया

इस मौके पर गुलाब रानी लल्लूराम कुशवाहा परीक्षित राम सिंह अमर सिंह आचार्य जी भानु कुशवाहा भोले कुशवाहा नीलू सिंह अजीत सर अंकित ग्रामवासी मौजूद रहे

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