जब हम अपने घरों में सर्दियों का आनन्द लेते है वही कुछ लोग जीवन के लिए कड़ा संघर्ष करते है: काजल परिहार
रिपोँट : विवेक तिवारी पूंछ
पूँछ झाँसी जब हम मे से केई लोग अपने घरों में सर्दियों का आनन्द लेते है वही कुछ लोग सिर्फ जीवित रहने के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे होते है यह विचार समाजसेवी काजल परिहार के द्वारा आज मकर संक्रांति पर खिचड़ी लड्डू व कम्बल वितरण करते हुए कहे
साथ ही बताया कि जैसे जैसे सर्दियां बढ़ती है ठंडी हवाएं सिर्फ ठिठुरन ही नही लाती है कई असंख्य जरूरत मंदों के लिए कठिनाई भी लाती है जो बुनियादी अवश्यताओ से बंचित है ऐसे जरूतर मंद लोगों के लिए एक साधारण कम्बल ही जीवन व मृत्यु का प्रश्न होता है कल्पना कीजिये कि बिना किसी आश्रय के सर्द रात का सामना करना कैसा होता होगा कई बेघर व प्रवासी मजदूरों और गरीब परिबरो के लिए यह कोई काल्पनिक स्थिति नही है यह उनकी कठोर वास्तविकता है।
घर घर जाकर किये गए कम्बल वितरण किये वही लोगो के द्वारा सराहना की गई वही आयोजक टीम की अध्यक्षा काजल परिहार ने बिहारी जी की प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि आगे भी जरूरत मंदों की सेवा में टीम सहित निरन्तर प्रयासरत रहेंगें।
इस दौरान मुख्य रूप से शैली गुबरेले, राजेश सिंह सेंगर, अजय कुमार शुक्ला, पवन परिहार, भैया परिहार, देवांश, युवांश, आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट पं रिंकू महाराज पूंछ





