हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान जी का आर्शिवाद लेने पर होती है मनोकामना पूरी
रिपोर्ट : विनय पचौरी
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- यहाँ प्रशासन को भी सुविधा हेतु विशेष इन्तजाम करने पड़ते है
ऐसा भी माना जाता है कि कानपुर शहर की स्थापना से पहले पनकी हनुमान मंदिर की हुयीं स्थापना।
पनकी हनुमान मंदिर में काफी बड़ी संख्या में लोग दर्शन हेतु आते है, परन्तु प्रत्येक मंगलवार के दिन बहुत बड़ी संख्या में, प्रशासन को भी विशेष इन्तजाम करने पड़ते है, आर्शिवाद व दर्शन हेतु आते है
पनकी हुनमान मंदिर व श्री पंचमुखी हनुमान कानपुर उत्तर प्रदेश, का एक प्राचीन व प्रसिद्ध मंदिर जो कि भगवान हनुमान जी को पूर्ण समर्पित है। पनकी हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान जी का आर्शिवाद लेने के लिए सिर्फ कानपुर से ही नहीं बल्कि पूरे भारत से आते है।
इस मंदिर में जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान हनुमान की आर्शिवाद व दर्शन हेतु आता है उसकी मनोकामना पूरी होती है।
यद्यपि मंदिर के इतिहास के बारे में कोई वास्तविक साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, लेकिन कथानुसार, ये मंदिर करीब 400 बर्ष पुराना है। इसकी स्थापना श्री 1008 महंत परषोतम दास जी ने की थी।
ऐसा भी माना जाता है कि कानपुर शहर की स्थापना से पहले पनकी हनुमान मंदिर स्थापित हुआ था। ये कहा जाता है कि महंत जी एक बार चित्रकूट से लौट रहे थे। तब जिस स्थान पर पनकी का मंदिर है, वहां पर उन्हें एक इस तरह की चट्टान दिखी जिस पर बजरंग बलि को देखा जा सकता था। बस, उन्होंने तब ही उस स्थान पर मंदिर का निर्माण करने का फैसला किया। आज वहीं मंदिर पनकी मंदिर के नाम से जाना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि पनकी मंदिर में भगवान हनुमान को दिव्य रूप में देखा जाता है।
ऐसा लगता है कि भगवान के चेहरे का स्वरूप दिन में तीन बार बदलता है
- सुबह में सूर्य की बढ़ोतरी के साथ भगवान का चेहरा एक बाल हनुमान के रूप में देखा जा सकता है।
- दोपहर के दौरान भगवान का चेहरा युवा (ब्रह्मचारी) के रूप में देखा जाता है।
- शाम तक भगवान हनुमान को महापुरुष (तेजस्वी) के रूप में देखा जाता है।