कानपुर में हड़ताल के पहले और दूसरे दिन जबरदस्त बिजली संकट हुआ पैदा।
- कानपुर में 1103 संविदा कर्मचारियों ने मोर्चा संभाला है
- आईआईटी, पॉलीटेक्निक और रिटायर कर्मचारियों को बुलाया गया है।
- वैकल्पिक व्यवस्था से बिजली आपूर्ति चल रही है।
रिपोर्ट : विनय पचौरी
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बिजली कर्मचारियों के अनशन से यूपी में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से चरमरा गई है।
कर्मचारियों की हड़ताल से शहर की लगभग 15 लाख की आबादी को बिजली और पानी के संकट से जूझना पड़ रहा है।
कानपुर शहर के 407 संविदा कर्मचारियों ने शासन के आदेश को दरकिनार कर दिया।
फजलगंज, दादा नगर, पनकी आद्यौगिक क्षेत्रों की बिजली भी 133 केवीए के हाइटेशन लाइन में फाल्ट से चली गई।
सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे के बाद बिजली आई।
बिजली नहीं आने की वजह से लगभग 1200 फैक्टरियों का 30 फीसदी उत्पादन प्रभावित रहा।
प्रॉविंशियल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने 30 करोड़ के नुकसान का आकलन किया है।
कानपुर में 1103 संविदा कर्मचारियों ने मोर्चा संभाला है
केस्को के 1500 अभियंता और कर्मचारी 90 फीसदी हड़ताल में शामिल रहे।
केस्को एमडी का अल्टीमेटम केस्को एमडी सैमुएल पी ने बताया कि बिजली फाल्ट बनने में समय लग रहा है, लेकिन सभी फाल्ट अटेंड किए गए।
करीब 1100 संविदा कर्मचारियों, आउटसोर्सिंग, भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम के कर्मचारियों ने काम संभाला है।
केस्को एमडी ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी काम में बाधा डालने की कोशिश की गई तो, कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वैकल्पिक व्यवस्था से बिजली आपूर्ति चल रही है।
आईआईटी, पॉलीटेक्निक और रिटायर कर्मचारियों को बुलाया गया है।