उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला व प्रदर्शनी का आयोजन 8 से 10 फरवरी में पहली बार रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय विश्वविद्यालय झांसी द्वारा आयोजित। 

झाँसी पूरे बुंदेलखंड के लिये यह गौरव का विषय है कि पहली बार रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय विश्वविद्यालय झांसी द्वारा उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला व प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है

सतत विकास के लिए पुनर्जीवी कृषि का उद्देश्य लेकर उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला व प्रदर्शनी का आयोजन 8 से 10 फरवरी में किया जा रहा हैकेंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री अर्जुन मुंडा व प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सूर्यप्रताप शाही श्री अनुराग शर्मा सांसद झांसी ललितपुर श्री रवि शर्मा विधायक झांसी डॉ हिमांशु पाठक सचिव शिक्षा एव कृषि अनुसंधान केंद्र भारत सरकार दो पंजाब सिंह कुलाधिपति डॉ अशोक कुमार सिंह कुलपति सहित इसमें जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश पंजाब हरियाणा उत्तराखंड दिल्ली चंडीगढ़ उत्तर प्रदेश सहित आठ राज्य हिस्सा ले रहे हैं।किसान मेला व कृषि प्रदर्शनी को लेकर भव्य तैयारियां की गयी है ।

केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह ने बातचीत के दौरान बताया

आज की दुनिया में जहां उपभोक्ता पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिंतित हैं वही पूर्णजीवी कृषि आशा की किरण के रूप में हमारी खाद्य प्रणाली में आने वाली चुनौतियों का एक उचित समाधान भी है

उन्होंने बताया पुनर्रयोगी कृषि शुरू करने के कई तरीके हैं इनमें से एक आसान तरीका रासायनिक खाद डालें बिना अपनी मिट्टी को प्राकृतिक रूप से समृद्ध करना है पूर्णजीवी कृषि केवल एक कृषि पद्धति से कहीं अधिक है यह एक समग्र दृष्टिकोण है जो हमारी भूमि को पुनः स्थापित और पुनः जीवित कर सकता है मूल में पुनर्जीवी कृषि इस एहसास की प्रक्रिया है कि हमारे वर्तमान कृषि पद्धतियां हालांकि हमें खिलाने में सक्षम है पर यह पारिस्थितिक क्षरण के निशान भी छोड़ गई हैंआगे कुलपति डॉक्टर अशोक कुमार सिंह ने बताया इस मेले में किसानों को पारंपरिक कृषि कृषि निर्यात की संभावनाएं फल सब्जी फूल मशरूम व अन्य लाभदायक फसलों के उत्पादन की जानकारी के साथ-साथ दलहन तिलहन व श्रीअन्न की खेती तथा उसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी ।

आगे केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के निर्देशक अनुसंधान के डॉक्टर सुशील कुमार चतुर्वेदी ने बीजों के उन्नत तकनीक के बारे में विस्तार से चर्चा की और बताया किकृषि मेले व प्रदर्शनी में कृषि से संबंधित विभिन्न तकनीको यंत्रों व सजीव प्रदर्शन किसानो उत्पादकों विक्रेताओं को दिखाये जाएगे।

इसी बीच कृषि वैज्ञानिक गौरव शर्मा ने पॉलीहाउस संरक्षित खेती पॉलीहाउस तकनीकी व बागवानी विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि इस मेले की प्रमुख आकर्षण प्राकृतिक खेती के मॉडल प्रदर्शनी संरक्षित खेती पोली हाउस तकनीकी बागवानी व कृषि वानिकी तकनीकी पार्क नवीन प्रजातियां तकनीकी का सजीव प्रदर्शन होगाआगे कुलपति डॉक्टर अशोक कुमार सिंह ने बताया कि आय उन्मुख विधाए शहद उत्पादन मशरूम उत्पादन बीज उत्पादन वर्मी कंपोस्ट मूल्य संवर्धन व प्रसंस्करण उन्नत बीज एवं पौधों की बिक्री व्याख्यान माला एवं कृषि गोष्ठी सांस्कृतिक कार्यक्रम रहेगे।
प्रदर्शनी में 125 स्टार लगाए जाएंगे जिसमें आईसीएआर विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय कृषि विज्ञान केंद्र एफपीओ कृषि आधारित निजी संगठन एवं अन्य सभी हिट धारकों के लिए हैं जो अपने व्यवसाय के विस्तार और विवधीकारण में रुचि रखते हैं ।

आगे केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के निदेशक शिक्षा डॉक्टर अनिल कुमार ने श्रीअन्न पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया किइस कृषि मेला में कृषि विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के साथ श्री अन्न पर विशेष तकनीकी सत्र एवं श्रीअन्न से बनाए गए पकवान पर भी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी साथ ही उद्यान विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर फूल प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा
यहां क्षेत्रीय किसान मेला में ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक गण के साथ-साथ देश के कोने-कोने से किसान व क्षेत्रीय उन्नतशील किसान सम्मिलित होगे।

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