गर्भवती के लिए उपहार बन रही 102 नंबर एम्बुलेंस

■अप्रैल 2023 से 17811 गर्भवती को बरामद अस्पताल

■आपात स्थिति में 17 गर्भवती गाड़ियों की एम्बुलेंस ने गाड़ियों की गाड़ियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया

जैसलमेर जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत 102 तीर्थयात्रियों के लिए शोभा यात्रा हो रही है।

प्रचारक की इस सुविधा से ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने और घर वापस लाने में मदद मिल रही है।

साथ ही ट्रांसपोर्ट के दौरान महिलाओं को प्रसव पीड़ा बढ़ने और हालत के बारे में बताते हुए एंबूलेंस से ही प्रसव पीड़ा बढ़ रही है। अप्रैल 2023 से अब तक 17811 तक गर्भवती को अस्पताल ले जाने और वापस घर छोड़ने की सुविधा दी गई है।

इस दौरान 17 गर्भवती मरीजों की सुरक्षित डिलीवरी की गई।
भागलपुर ब्लॉक अंतर्गत एकोना गांव के निवासी रघुवीर की पत्नी नीलम देवी ((27) ने अस्पताल में जाकर समय साधक में बच्ची को जन्म दिया था। रघुवीर बताते हैं कि सोमवार की दोपहर को पूर्वोत्तर को लेकर पीड़ा शुरू हुई तो गांव की आशा कार्यकर्ता पुष्परा देवी को सूचना दी गई। 102 नंबर एंबुलेंस के साथ भी सूचना दी गई। दस मिनट बाद 102 नंबर की समुद्री लहरों को घर ले जाना। हुई और उनका हुलिया सामने आया। यह देखने के लिए मिथ्या अवनीश कुमार और आशा पुष्पारा ने एक बच्चे को जन्म दिया। बाद में
डॉ. राजेश झा ने बताया कि एमिराह की सुविधा से न केवल दूर दराज के क्षेत्र में रहने वाले लोग बड़े हैं। लाभ की सुविधा है, बल्कि स्वास्थ्य केंद्र नियुक्ति के माध्यम से एम्बुलेंस के माध्यम से भर्ती में भी सुविधा रहती है। इतना ही नहीं मार्ग में कोई भी आपत्ति की स्थिति होने से प्रशिक्षण स्टॉफ़ पर काफी हद तक स्थिति को भी कायम रखा जा सकता है। एविड ने बताया कि अक्सर ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को प्रसव के समय अस्पताल तक पहुंचने में परेशानी होती है। इसके लिए तकनीशियनों को जल्द से जल्द एस्कॉर्ट और पेट्रोलियम उत्पादों से मुक्त करने के लिए कहा गया है।

अल्ट्रासाउंड ने बताया कि प्रसव के बाद महिला को जांच के लिए 45 दिन तक और बच्चे को टीकाकरण और स्वास्थ्य जांच के लिए दो साल तक 102 एम्बुलेंस कि सुविधा सरकारी एजेंसियों द्वारा दी जाती है।

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