भोजपुरी भाषा को संवैधानिक मान्यता के लिए प्रभोस ने सौंपा राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन

(प्रतापपुर )देवरिया।बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर प्रगतिशील भोजपुरी समाज के पदाधिकारियों व सदस्यों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के निर्देश पर पहुंचे एसडीएम सदर को सौंपा। ज्ञापन में भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करते हुए उसे शीघ्र संवैधानिक मान्यता दिए जाने की पुरजोर मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश व पश्चिम बिहार सहित दो दर्जन से अधिक जिलों में भोजपुरी भाषा आमजन की प्रमुख भाषा है। बावजूद इसके इन जिलों में सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा भोजपुरी भाषी लोगों को हीन दृष्टिकोण से देखा जाता है। जबकि भोजपुरी भाषी क्षेत्रों में जन्में तमाम महापुरुषों, नेताओं व साहित्यकारों ने पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन किया है। इनमें से देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद,पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, महान कवि व संत कबीर दास, तुलसीदास, राहुल सांकृत्यायन आदि शामिल हैं।वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव क्षेत्र भी भोजपुरी भाषी क्षेत्र है।अतः अब समय आ गया है कि करोड़ों भोजपुरी भाषी लोगों का सम्मान करते हुए भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। वहीं ज्ञापन में कहा गया है कि भोजपुरी भाषी क्षेत्र अत्यंत पिछड़ा हुआ है। इन क्षेत्रों में रोजगार सृजन हेतु उद्योग धंधों की स्थापना भी किया जाना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से प्रभोस के जिला अध्यक्ष राम किशोर चौहान,जिला सचिव सुरेश, पत्रकार मनोज भारती,वरिष्ठ कवि सौदागर सिंह, कौशल किशोर मणि, जयप्रकाश कुशवाहा, नन्हे यादव, जयचंद, विकास तिवारी, दिलीप कुमार,ग्राम प्रधान प्रतिनिधि चंदन कुशवाहा, परशुराम कुशवाहा,विजेंद्र यादव, सुखारी प्रसाद, इंद्रलाल, रविंद्र यादव, मोहन यादव,डॉ जगन्नाथ सिंह, हरेराम राजभर,डॉक्टर उपेंद्र, फागु राज, नितेश सिंह आदि मौजूद रहे।

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