पुलिस टीम छानबीन कर रही है परंतु लापता डूबे व्यक्ति का कोई भी सुराग नहीं।

रिपोर्ट  विवेक तिवारी focusnews24x7 

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पूँछ (झाँसी) एरच सलेमापुर डिकोली घाट पर बालू माफियाओं द्वारा अवैध खनन के चलते पनडुब्बियों के माध्यम से मानक के विपरीत खनन जोरों पर चल रहा है।

लापता व्यक्ति का पुत्र पुलिस संग ढूंढ रहा है घटना स्थल से अपने परिजन को

इसी के चलते जब एरच घाट पर छापामार टीम पहुंची तो पनडुब्बी से 3 लोग नदी में डर के कारण कूद गए जिसमें एक व्यक्ति 2 दिन से लापता है अभी तक उसका कोई अता-पता नहीं है ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार लापता व्यक्ति जालौन जनपद का निवासी है एवं एरच में अपने रिश्तेदार के यहां रहकर उसी के लिफ्टर पर कार्य कर रहा था लोगों का मानना है कि लापता व्यक्ति ढूंढे नहीं मिल रहा है। मौके पर तमाम आला अधिकारियों की टीम पहुंचकर छानबीन कर रही है परंतु लापता व्यक्ति का कोई भी सुराग नहीं लग पाया है।

हादसे का जिम्मेदार है कौन

इसमें गौरतलब बात यह है कि इस हादसे का जिम्मेदार कौन है जब बालू घाट पर पनडुब्बियों की इजाजत नहीं है तो फिर क्यों खनिज विभाग को ठेंगा दिखाकर यह अवैध खनन हो रहा है ठीक इसी तरह डिकोली में भी रात के अंधेरे में चोरी से बालू माफिया बालू पर डाका डालकर गाड़ियां लोड करा रहे हैं।

सलेमापुर घाट पर भी पनडुब्बियों के सहारे जमकर अवैध खनन हो रहा है यहां भी रात्रि में 1 दर्जन से अधिक पनडुब्बियों को नदी पर उतार दिया जाता है। पूरी रात बालू का अवैध खनन बदस्तूर जारी रहता है आखिर खनिज विभाग चुप क्यों है क्यों इन बालू माफियाओं के मानक के विपरीत कार्य करने पर मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता

आखिर किसकी शह पर मनमानी हो रही है, लापता व्यक्ति की गुमशुदगी का जिम्मेदार कौन है यह भी एक सवालिया निशान है कई बालू घाटों पर बंदूकों का साया बना रहता है योगी शासन की सख्ती के बावजूद खुलेआम गुंडई के बल पर बालू का खनन कर सरकार को करोड़ो रूपए का चूना लगाया जा रहा है इसमें मजेदार बात यह है कि खनिज विभाग से लेकर ज्यादातर अधिकारी मौन धारण किए हुए हैं जिसका स्पष्ट मतलब क्या लगाया जाये  है कि खेल क्या अच्छा खासा सुविधा शुल्क वसूलने का चल रहा है। मतलब साफ है कि मजदूर मरे तो मरे ! लोगों की जेब में नोटों से भरी होनी चाहिए ।

खनिज विभाग के अधिकारी  इस तरह के अवैध खनन पर मौन न रह कर और सख्ती बरतनी होगी।  जिससे बालू माफियाओं के हौसले इसी तरह बुलंद न बने रहें। क्योंकि कई घाटों पर तो शाम ढलते ही पूरी रात अवैध खनन कर सैकड़ों गाड़ियां लोड कराई जा रही हैं और खुलेआम बालू माफिया अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर लुका छिपी खेल रहे हैं।

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