अथर्व पचौरी जी जिनको घर पर कहते है कान्हाजी से छत्रपति शिवाजी विषय पर चर्चा

focusnews24x7.com

■■■■■■■■■■■■■■

आज हम दर्शकों को छोटे बच्चे से बातचीत करते हुए शिवाजी के विषय पर गहन चर्चा करने जा रहे हैं

विस्तार से देखिए क्या कह रहे हैं अथर्व पचौरी जी

जिनका घर का नाम है कान्हाजी । उम्र  में  तो महज 7 वर्ष के हैं अथर्व जी परंतु शिवाजी के विषय में जो ज्ञान व विषय कोष उनके पास है निसंदेह प्रशंसनीय  है चलिए जानते हैं शिवाजी की गाथा के बारे में विस्तार से :

  • छत्रपति शिवाजी महाराज (1630 – 1680ई) भारत के महान राजा एवं रणनीतिक विशेषज्ञ थे।
  • शिवाजी महाराज का जन्म 19 फ़रवरी 1630 ई. शिवनेरी दुर्ग में हुआ था।
  • वर्ष 2023 में शिवाजी जयंती 19 फरवरी को है।
  • शिवनेरी दुर्ग भारत के महाराष्ट्र राज्य के पुणे के जुन्नैर गांव के पास में स्थित दुर्ग में हुआ था।
  • शिवनेरी को महाराज छत्रपति शिवाजी की जन्मभूमि के नाम से भी जाना जाता है
  • शिवाजी के पिताजी शाहजी बीजापुर के सुल्तान आदिल शाह की सेना में एक सेनापति के रुप में थे
  • शिवनेरी चारों ओर से खड़ी चट्टानों से घिरा एक अभेद्य गढ़ था। इस गढ़ के भीतर माता शिवाई का एक मन्दिर था.और इसी स्थान पर शिवाजी का जन्म हुआ था।
  • इसी कारण शिवाजी का नाम  इसी माता के नाम पर रखा गया।
  • छत्रपति शिवाजी का पूरा नाम शिवाजी राजे भोसले था शिवाजी राज भोसले पश्चिम भारत के मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे
  • शिवाजी के पिता का नाम शाह जी भोसले था और माता जी का नाम जीजाबाई था।
  • तिथि के अनुसार महाराज छत्रपति शिवाजी का जन्मदिवस 19 फरवरी को मनाया जाता है

शिवाजी के अंदर किसी भी प्रकार की सामाजिक जातिवादिक राजनीति नहीं थी उन्होंने जातिवादी की दीवारों को तोडा और सभी जाति समुदाय के लोगो का बहुत ही शानदार तरीके से सम्मान किया करते थे। छत्रपति शिवजी महाराज को बचपन से ही तलवार से खेलने का ही बहुत शोक हुआ करते थे और वो तलवार बाजी में बहुत निपुर्ण थे
द्रॄढ़ता पूर्वक परिश्रम सरलता और ज्ञान के साथ साथ उन्होंन  कठिनाइयों पर विजय प्राफ्त की और बड़ी सफलता को प्राफ्त किया और स्वराज की स्थापना की। और उनके पास इतनी  बौद्धिक तार्किक शक्ति थी उनको अंदाज था कि  स्वराज के लिए क्या करना चाहिये। उन्होंने इस प्रकार से कई किले को निर्माण करवया था उन किलो पर चलने से पहले दुश्मन को सोचना पड़े  उन्होंने  निर्माण इस प्रकार करवया था कि चारो ओर मजबूत हो।
गुरिल्ला युद्ध छापामार युद्ध महाराज छत्रपति शिवाजी महाराज का मुख्य हथियार था। महाराज शिवाजी ने छापामार युद्ध के साथ कई अभियान और युद्ध जीते शत्रु सेना कितनी ही बड़ी क्यों न हो शिवाजी महाराज ने अपने मावलों की सहयता से शत्रु को परास्त कर दिया करते थे। शिवाजी ने स्वराज्य की स्थापना के साथ साथ कई सैकड़ो किलो का निर्माण और उन सभी पर विजय प्राफ्त किया माना जाता है।
छत्रपति शिवाजी का स्वभाव इस प्रकार था कि वे खुद हिन्दू धर्म में होने के बावजूद भी उन्होंने कभी भी मुसलमानों को नुकसान नहीं पहुचाया
शिवाजी ने स्वराज्य में महिलाओ के खिलाफ होने वाले अन्याय उन पर उन्होंने वाले उत्पीड़न और हिंसा करने वाले अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा प्रदान करते थे। शिवाजी महाराज के दरबार में आने वाले निपटारों की सुनवाई खुद करते थे और उनका आमने सामने ही फैसला करते थे और उन मामलो को निपटा देते थे
दरबार में इस प्रकार जाते थे जैसे शेर की तरह शान से चलते हुए दरबार से कई बार गए थे इसीलिए छत्रपति शिवाजी को एक कुशल और प्रबुद्ध सम्राट के रूप में जाना जाता है

युवराज संभाजीराजे छत्रपति (जन्म 11 फरवरी 1971) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने भारत की संसद के ऊपरी सदन में सदस्य के रूप में कार्य किया।

Share.