आर्ट ऑफ लिविंग जीवन जीने की कला. श्री श्री रवि शंकर बंगलुरु
रिपोर्ट: महेश चौधरी
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- ध्यान एक यात्रा है, गतिविधि से स्थिरता तथा ध्वनि से मौन की ओऱ “ – श्री श्री रवि शंकर
आपको बता दें आर्ट ऑफ लिविंग एक ऐसी जगह है जहां ध्यान साधना के द्वारा जीवन को कैसे बदला जा सकता है यहां आने वाले व्यक्ति को हैप्पीनेस कोर्स कराया जाता है जिसमें हम जीवन में कैसे सुखी रख सकते हैं मानव जीवन में किन-किन चीजों की आवश्यकता है हमें इसको किस तरह से व्यतीत करना है
वासुदेव कुटुंबकम की जीती जाती तस्वीर
आपको यहां नजर आएगी आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर उदयपुरा रोड बेंगलुरु मे स्थित है। उसका संचालन 182 देशों में हो रहा है आश्रम का क्षेत्रफल लगभग 250 एकड़ है यहां जो गौशाला है उसमें 18 नस्लों की गोवंश वही गुरुकुलम में जो छात्र शिक्षा लेकर जाते हैं वह छात्र पूरे विश्व के अंदर पांडित्य कार्य में प्रथम है
अपने सामान्यतः सक्रिय रहने वाले मन को स्थिरता की और ले जाने हेतु विशेष रूप से बनायीं गयी विभिन्न प्रक्रियाओं में भाग लेने से हमें असाधारण शांति व नवीन जीवन शक्ति का अनुभव यहाँ पर होता है
यहाँ पर गहन अंतर्मुखी होने, मानसिक अशांति से मुक्त होने, गहन विश्राम और आंतरिक मौन के अनुभव के लिए सर्वोत्कृष्ट वातावरण उपलब्ध कराया जाता है। सिखाई जाती है श्वास की तकनीक, इस कार्यक्रम का आधार है।
मानसिक और आध्यात्मिक नवीनीकरण के लिए, अपनी उर्जा और ध्यान को बाहरी आकर्षण से स्वेच्छा से हटाने के लिए मौन के मार्ग का अभ्यास भिन्न भिन्न परम्पराओं में कई सदियों से होता रहा है।
ध्यान एक यात्रा है, गतिविधि से स्थिरता तथा ध्वनि से मौन की ओऱ “ – श्री श्री रवि शंकर
यहाँ की विशेषताएं हैं:
- गहन शांति और समाधी का अनुभव कीजिये।
- आत्मबोध में वृद्धि और विचारों में अधिक स्पष्टता की स्थिति लाइए।
- ऊर्जा में वृद्धि कीजिये
इस प्रकार प्रतिदिन के जीवन जीने का आधार हो जाते यहाँ किये हुये अभ्यास।