रौशन कुमार फ़ोकस न्यूज 24×7 ( त्योहार)

वैशाख शुक्ल तृतिया की महिमा मत्स्य, स्कंद, भविष्य, नारद पुराणों व महाभारत आदि ग्रंथों में है। इस दिन किये गये पुण्यकर्म अक्षय (जिसका क्षय न हो) व अनंत फलदायी होते हैं, अतः इसे ʹअक्षय तृतियाʹ कहते हैं। यह सर्व सौभाग्यप्रद है।

यह युगादि तिथि यानी सतयुग व त्रेता युग की प्रारम्भ तिथि है। श्रीविष्णु का नर-नारायण, हयग्रीव और परशुरामजी के रूप में अवतरण व महाभारत युद्ध का अंत इसी तिथि को हुआ था।

इस दिन बिना कोई शुभ मुहूर्त देखे कोई भी शुभ कार्य प्रारम्भ या सम्पन्न किया जा सकता है। जैसे – विवाह, गृह-प्रवेश या वस्त्र-आभूषण, घर, वाहन, भूखंड आदि की खरीददारी, कृषिकार्य का प्रारम्भ आदि सुख-समृद्धि प्रदायक है।

प्रातःस्नान, पूजन, हवन का महत्त्व

इस दिन गंगा-स्नान करने से सारे तीर्थ करने का फल मिलता है। गंगाजी का सुमिरन एंव जल में आवाहन करके ब्राह्ममुहूर्त में पुण्यस्नान तो सभी कर सकते हैं। स्नान के पश्चात प्रार्थना करें-

माधवे मेषगे भानौ मुरारे मधुसूदन।

प्रतः स्नानेन मे नाथ फलदः पापहा भव।।

ʹहे मुरारे ! हे मधुसूदन ! वैशाख मास में मेष के सूर्य में हे नाथ ! इस प्रातः स्नान से मुझे फल देने वाले हो जाओ और पापों का नाश करो।ʹ

सप्तधान्य उबटन व गोझरण मिश्रित जल से स्नान पुण्यदायी है। पुष्प, धूप-दीप, चंदन, अक्षत (साबुत चावल) आदि से लक्ष्मी नारायण का पूजन व अक्षत से हवन अक्षय फलदायी है।

मंत्रा उपवास और दान से मिलता हैं अक्षय लाभ,

इस दिन किया गया उपवास, जप, ध्यान, स्वाध्याय भी अक्षय फलदायी होता है। एक बार हलका भोजन करके भी उपवास कर सकते हैं। ʹभविष्य पुराणʹ में आता है कि इस दिन दिया गया दान अक्षय हो जाता है। इस दिन पानी के घड़े, पंखे, ओले (खाँड के लड्डू), पादत्राण (जूते-चप्पल), छाता, जौ, गेहूँ, चावल, गौ, वस्त्र आदि का दान पुण्यदायी है। परंतु दान सुपात्र को ही देना चाहिए। पूज्य बापू जी के शिष्य पूज्यश्री के अवतरण दिवस से समाज सेवा के अभायानों में नये वर्ष का नया संकल्प लेते हैं। अक्षय तृतीया के दिन तक ये अभिय़ान बहार में आ जाते हैं, जिससे उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

इस दिन पितृ के तर्पण और दान से मिलता है पितृदोष से मुक्ति

इस दिन पितृ तर्पण करना अक्षय फलदायी है। पितरों के तृप्त होने पर घर में सुख-शांति-समृद्धि व दिव्य संतानें आती हैं।

विधिः इस दिन तिल एवं अक्षत में श्रीविष्णु एवं ब्रह्माजी को तत्त्वरूप से पधारने की प्रार्थना करें। फिर पूर्वजों का मानसिक आवाहन करने की भावना करते हुए धीरे से सामग्री किसी पात्र में छोड़ दें तथा भगवान दत्तात्रेय, ब्रह्माजी व विष्णु जी से पूर्वजों की सदगति हेतु प्रार्थना करें।

अपन्नो से ले आशीर्वाद , होगा चौतरफा कल्याण

इस दिन माता-पिता, गुरुजनों की सेवा कर उनकी विशेष प्रसन्नता, संतुष्टि व आशीर्वाद प्राप्त करें। इसका फल भी अक्षय होता है।

रौशन कुमार फोकस न्यूज 24×7 ( त्योहार विशेस)

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I am Roshan Kumar, my early education was in my village Sitamarhi. I have been a student of Hindi medium and since the beginning I have had the habit of writing broken words. I graduated in History, I again did graduation in Library Science. And my last graduation was journalism which I was fond of since childhood. I did post graduation in History, After that I came to the country's capital Delhi where I worked as a writer for a news channel. I understood about politics since childhood because many people were ministers and MLA in our Family and relatives, I used to write only politics , but I can't write for that news channel for a long time because I don't want to do advocy journalism.because my dream was true journalism. Currently I am associated with Focus News Channel and I write news for this channel, When there will be live debate on any political issue on this channel, you will definitely get to see excellent reporting and news, this is my promise to you. I hope that the focus family and your support will one day see us reach new heights in the country. I want to lay a small stone in the field of journalism and seek blessings from you for this.