*लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व को धूमधाम से मनाया गया*

प्रतापपुर (देवरिया)विकासखंड बनकटा के रामपुर प्रतापपुर ,चकरवा टोला प्रेम राय, मिश्रौली यादव टोला, मिश्रौली घाट, बंकुल पुल परगसहां, भवानी छापर, आदि जगहों पर महानदी झरही के तट पर बने छठ घाटों पर व चकिया कोठी, सिसवनिया, पाडरी बाजार, सिकटिया, रतिया कोठी, स्याही नदी पर बने घाट पर महिलाओं ने डूबते व उगते सूर्य को अर्घ देकर इस महापर्व को पूरे हर्षउल्लाश के साथ मनाया गया

हालांकि बीते कई वर्षों से स्याही नदी के तट पर बने घाटों पर छठ पर्व मे अर्घ देने के लिए पंपिंग सेटों से पानी चलाया जाता था और अर्घ दिया जाता था लेकिन छोटे लाल कुशवाहा के अथक प्रयास से अब स्याही नदी में पानी समय-समय पर छोड़ा जा रहा है और अर्घ देने के लिए पानी पर्याप्त है

महा नदीे झरही के तट पर बने यूपी बिहार के घाटों पर बड़े ही जोरदार तरीके से गाजे-बाजे व सजावटों के साथ बड़े पैमाने पर आस्था का महापर्व छठ पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। छठ पर्ब प्रकृति की पूजा हैं, जिसमें किसानों के खेत में पैदा किया गया फल,सब्जी,अन्न को चढ़ाया जाता हैं।व्रती महिलाएं 36 घण्टे की निर्जला रहकर संतान व परिवार की खुशहाली की कामना करती हैं।

महिलाएं परिवार के साथ-साथ पड़ोसी महिलाओं के साथ एक साथ छठ घाट पर पारम्परिक गीत,

“कांचे रे बास के बहेंगीया, बहँगी लचकत जाय।”को गेट हुए गयी।

अर्घ के समय “उग है सुरुज देव,आर्घा के भईल बेरा”के साथ अर्घ दी।

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