डीएम ने की डीसीसी एवं डीएलआरसी की त्रैमासिक बैठक

■ऋण जमानुपात कम पाए जाने पर जताई नाराजगी निर्धारित लक्ष्य के साथ कार्य करने का दिया निर्देश

देवरिया जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सलाहकार समिति (DCC) एवं जिला स्तरीय समीक्षा समिति (DLRC) की सितम्बर-2023 की त्रैमासिक बैठक विकास भवन के गाँधी सभागार में आयोजित की गयी।
इस बैठक में जनपद का ऋण जमानुपात बढ़ाने एवं शासकीय योजनाओं की प्रगति की बैंकवार समीक्षा की गयी। सितम्बर-2023 तिमाही में जनपद का ऋण जमानुपात रेसियों 38.31 प्रतिशत था। जो कि भारतीय रिजर्व बैंक की लीड बैंक योजनान्तर्गत लक्ष्य 40 प्रतिशत से काफी कम है जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की एवं 60 प्रतिशत ऋण जमानुपात के लक्ष्य के साथ कार्य करने का निर्देश दिया।
जनपद के लगभग सभी प्रमुख बैंकों का ऋण जमानुपात के विवरण में बताया गया कि सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया 21.12%, पंजाब नेशनल बैंक 25.04%, इण्डियन बैंक 27.22%, बैंक ऑफ इण्डिया 30.86%, भारतीय स्टेट बैंक 34.56%, बड़ौदा यू.पी. बैंक 35.59%, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया 31.40%, केनरा बैंक 38.76% ऋण जमानुपात है।

इस सम्बन्ध में अध्यक्ष जिलाधिकारी द्वारा सभी बैंकों को मानिटरेबल ऐक्शन प्लान के अनुसार ऋण जमानुपात के त्रैमासिक लक्ष्यों को प्राप्त कर मार्च 2024 तक ऋण जमानुपात रेसियो के 40% के लक्ष्य को प्राप्त करने का निर्देश दिया गया। कृषि, उद्योगो एवं अन्य प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों में ऋण को बढ़ावा देकर जनपद के ऋण जमानुपात रेसियो को 40% का लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश जारी किया गया है।
बैठक में सभी शासकीय योजनाओं स्वयं सहायता समूहों, किसान क्रेडिट कार्ड, व्यवसाय ऋणों एवं पी० एम० स्वनिधि हेतु जिन बैंकों में ऋण पत्रावलियों काफी दिनों से स्वीकृत एवं वितरण के लिए लम्बित है उन बैंकों के शाखा प्रबन्धक एवं जिला समन्वयक के विरूद्ध जिलाधिकारी ने उनके राज्य नियंत्रक कार्यालय को पत्र भेजने हेतु निर्देशित किया। वार्षिक ऋण योजना में सितम्बर 2023 त्रैमास की उपलब्धि 50.02% रही, परन्तु सबसे बड़े क्षेत्र कृषि की उपलब्धि मात्र 18.96% रहीं जो कि काफी असंतोषजनक है। जिस पर अध्यक्ष जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की एवं सभी बैंकों को कृषि विभाग, मस्त्य विभाग, पशुपालन विभाग से समन्वय स्थापित कर कृषि क्षेत्र में तय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिमाह एक मेगा ऋण शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया।

इस बैठक में जिलाधिकारी ने जिला समन्वयक भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य प्रबन्धक शिव कुमार को निर्देशित किया कि शासकीय योजनाओं में ऋण प्रस्तावों का वितरण बढ़ाये एवं आगामी बैठक में पूरे आंकड़ों के साथ उपस्थित होना सुनिश्चित करें। घर-घर के०सी०सी० अभियान के अन्तर्गत जिलाधिकारी द्वारा समस्त बैंकों की शाखावार सूची मांगी गयी है और मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय द्वारा ऋण स्वीकृत एवं वितरण हेतु बैंक शाखावार दूरभाष द्वारा फालोअप करने के लिए निर्देशित किया गया। जिलाधिकारी द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि सभी बैंक शासकीय योजनाओं में सैद्धान्तिक स्वीकृति देना बन्द करें और सम्बन्धित विभाग से समन्वय स्थापित कर समय से ऋण पत्रावलियों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। सभाध्यक्ष ने सभी बैंकों को निर्देशित किया कि समस्त एन.पी.ए. खातों की आर०सी० काटना सुनिश्चित करें। साथ ही पी०एम०स्वनिधि के वेण्डरों को डिजटली ऐक्टिव करने हेतु सभी बैंकों को विकास खण्डवार शिविर आयोजित करने के निर्देश दिये गये। शिक्षा ऋण के लिए सभी बैंकों को आसान एवं सुलभ तरीके से अधिक से अधिक ऋण स्वीकृति एवं वितरण करना सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया। अन्त में अग्रणी जिला प्रबन्धक अरुणेश कुमार ने सभी बैंको द्वारा अपेक्षित प्रगति के आश्वासन के साथ सभी उपस्थित अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पाण्डेय, सदर विधायक के प्रतिनिधि नवीन सिंह, अग्रणी जिला अधिकारी मार्कण्डेय चतुर्वेदी, अग्रणी जिला प्रबन्धक अरूणेश कुमार, जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड सूरज शुक्ला, उपायुक्त उद्योग खुशबू सिंह, बडौदा यूपी, बैंक के क्षेत्रीय प्रबन्धक भीमा एवं तथा विभिन्न बैंकों के अधिकारी एवं जिला बैंक समन्वयक भी उपस्थित रहें।

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