नदी-नाले उफान पर होने से लोगों को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। बांध छलकने लगे तो अधिकतर के सभी गेट खोल दिए गए। इससे मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। वर्षा ने इस कदर डराया कि विदिशा के 70 गांवों को खाली करा दिया गया है। मदद के लिए एयर फोर्स से दो हेलीकाप्टर मांगे गए हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन जिलों में रहने वालों को अलर्ट किया है,

अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटे में नर्मदा का जलस्तर 945 फीट से बढ़कर 964 फीट हो गया है। शासन ने स्थिति को देखते हुए विदिशा में तीन, ग्वालियर में दो, सीहोर-नर्मदापुरम और जबलपुर में एक-एक एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी है

भोपाल में इंडस कालोनी, शिवनगर को खाली कराया गया है। भोपाल शहर की तीन कालोनियों में लोगों को नाव के जरिये जलभराव से बाहर निकाला गया। करीब 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने से भोपाल की बड़ी झील में ऊंची लहरें उठीं। लहरों की चपेट में आने से पर्यटन कराने वाला क्रूज आधा डूब गया। उधर, देर शाम बाढ़ के हालात को देखते हुए शासन ने तवा और बारना बांध से पानी की निकासी को नियंत्रित किया है।

इस बीच श्योपुर का कोटा से संपर्क कट गया है, टीकमपुर-छतरपुर मार्ग भी अवरुद्ध है। मौसम विभाग ने मंगलवार तक के लिए उज्जैन, इंदौर संभागों के जिलों तथा राजगढ़ जिले में कहीं-कहीं अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट भी जारी किया है।

ओडिशा में 25 गांवों का संपर्क टूटा

ओडिशा में महानदी के बाद अब सुवर्णरेखा नदी में बाढ़ आ गई है। राजघाट में नदी का जलस्तर खतरे के निशान 10.36 मीटर को पार कर 11.90 मीटर पर प्रवाहित हो रहा है। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता विजय मिश्रा ने बताया कि बाढ़ के कारण 25 गांव का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया है

वही उदयपुर में बाइक से पुलिया पार कर रहे दो युवक बह गए। दोनों की तलाश की जा रही थी।

इस बार बारिश कई राज्यों में खूब मेहरबान रही. हालत यह हो गई कि महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई. वहीं उत्तर प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों में उम्मीद से बहुत कम बारिश हुई, जिसकी वजह से भीषण गर्मी से जनजीवन बेहाल है

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