उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला व प्रदर्शनी का आयोजन 8 से 10 फरवरी में पहली बार रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय विश्वविद्यालय झांसी द्वारा आयोजित।
झाँसी पूरे बुंदेलखंड के लिये यह गौरव का विषय है कि पहली बार रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय विश्वविद्यालय झांसी द्वारा उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला व प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है
सतत विकास के लिए पुनर्जीवी कृषि का उद्देश्य लेकर उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला व प्रदर्शनी का आयोजन 8 से 10 फरवरी में किया जा रहा है
केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह ने बातचीत के दौरान बताया
आज की दुनिया में जहां उपभोक्ता पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिंतित हैं वही पूर्णजीवी कृषि आशा की किरण के रूप में हमारी खाद्य प्रणाली में आने वाली चुनौतियों का एक उचित समाधान भी है
उन्होंने बताया पुनर्रयोगी कृषि शुरू करने के कई तरीके हैं इनमें से एक आसान तरीका रासायनिक खाद डालें बिना अपनी मिट्टी को प्राकृतिक रूप से समृद्ध करना है पूर्णजीवी कृषि केवल एक कृषि पद्धति से कहीं अधिक है यह एक समग्र दृष्टिकोण है जो हमारी भूमि को पुनः स्थापित और पुनः जीवित कर सकता है मूल में पुनर्जीवी कृषि इस एहसास की प्रक्रिया है कि हमारे वर्तमान कृषि पद्धतियां हालांकि हमें खिलाने में सक्षम है पर यह पारिस्थितिक क्षरण के निशान भी छोड़ गई हैं
इसी बीच कृषि वैज्ञानिक गौरव शर्मा ने पॉलीहाउस संरक्षित खेती पॉलीहाउस तकनीकी व बागवानी विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि इस मेले की प्रमुख आकर्षण प्राकृतिक खेती के मॉडल प्रदर्शनी संरक्षित खेती पोली हाउस तकनीकी बागवानी व कृषि वानिकी तकनीकी पार्क नवीन प्रजातियां तकनीकी का सजीव प्रदर्शन होगा
प्रदर्शनी में 125 स्टार लगाए जाएंगे जिसमें आईसीएआर विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय कृषि विज्ञान केंद्र एफपीओ कृषि आधारित निजी संगठन एवं अन्य सभी हिट धारकों के लिए हैं जो अपने व्यवसाय के विस्तार और विवधीकारण में रुचि रखते हैं ।
यहां क्षेत्रीय किसान मेला में ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक गण के साथ-साथ देश के कोने-कोने से किसान व क्षेत्रीय उन्नतशील किसान सम्मिलित होगे।