यूपी में मिशन-27 से पहले राजनीतिक गर्मी तेज, योगी सरकार ने खोला नौकरियों का पिटारा – विपक्ष ने बताया चुनावी स्टंट

उत्तर प्रदेश में 2027 के चुनावी रणभेरी बजते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एक ओर योगी सरकार लगातार नई भर्तियों की घोषणा कर युवाओं को साधने की कोशिश कर रही है, तो वहीं विपक्ष इन घोषणाओं को चुनावी स्टंट बताने से नहीं चूक रहा है। राजनीतिक गलियारों में साफ है कि इस बार लड़ाई “महिला एवं युवा वोट बैंक” को साधने की है।

70 हजार से ज्यादा नौकरियों का ऐलान, और भी आएंगी वैकेंसी

पिछले 15 दिनों में यूपी सरकार ने कई बड़ी भर्तियों का ऐलान किया है। प्रमुख भर्तियाँ इस प्रकार हैं—

Sub-Inspector (SI) – 4,543 पद
Home Guard – 41,424 पद
Constable – 22,605 पद
Jail Warden – 3,000 पद
UPPSC PCS – 920 पद
Review Officer (RO) – 411 पद
UPSSSC (VDO, Lekhpal, वन दरोगा आदि) – 50,000+ पद (जल्द)

कुल मिलाकर अब तक लगभग 70,000 से अधिक नौकरियों की घोषणा हो चुकी है और रिपोर्ट्स के मुताबिक इनकी लिखित परीक्षा, रिज़ल्ट और जॉइनिंग 2026 के अंत तक पूरी हो सकती है।

भाजपा नेताओं का दावा है कि “योगी सरकार में भर्ती पूरी तरह पारदर्शी और योग्यता आधारित है।” भाजपा नेता राकेश त्रिपाठी कहते हैं—
“यूपी में बिना भाई-भतीजावाद के भर्ती होती है। युवाओं को भरोसा है—योगी हैं तो यकीन है।”
SP ने बताया चुनावी छलावा, महिला वोट पर बड़ा फोकस

सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस चुनावी माहौल में महिलाओं को केंद्र करने की रणनीति पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने PDA में ‘A’ यानी ‘आधी आबादी’ को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सपा “स्त्री सम्मान–समृद्धि योजना” लेकर आएगी।

सपा नेता ने कहा
“2012-17 में समाजवादी सरकार ने लैपटॉप, कन्या विद्याधन और पेंशन दी। भाजपा सिर्फ ₹2000 देकर बहका रही है। 2027 में महिलाओं के लिए हम बड़ी योजनाएँ लाएंगे।”

वहीं सपा नेता दीपक रंजन ने भर्तियों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा
“9 साल में कितनी नौकरियाँ दीं? पेपर हुए, रिज़ल्ट नहीं आए। नौजवान अब हिसाब मांग रहा है।”

कांग्रेस का हमला – ‘चुनाव आते ही नौकरी की नौटंकी’

कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा—
“2014 से अब तक भाजपा ने 2 करोड़ नौकरी का वादा किया, फिर 50 लाख का। पुलिस भर्ती छोड़ दें तो कोई भर्ती नहीं हुई। ये चुनावी नौटंकी है। जनता 2027 में जवाब देगी।”

विश्लेषकों की राय – “M-Y यानी महिला और यूथ बने चुनावी कुंजी”

वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शुक्ला के अनुसार
“2027 की लड़ाई में पारंपरिक MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण नहीं, बल्कि M-Y यानी महिला और यूथ फैसला करेंगे। बेरोजगारी 2024 में बड़ा मुद्दा थी, अब भाजपा युवाओं में सकारात्मक संदेश भेजने में जुटी है।”

उन्होंने ये भी कहा कि बिहार की तरह यूपी में भी महिला वोटर निर्णायक साबित हो सकती हैं।

युवाओं की प्रतिक्रिया – ‘स्वागत भी, सवाल भी’

युवा उम्मीदवारों से बात में मिला मिला-जुला प्रतिक्रिया।
कई युवाओं ने कहा—
“नौकरियों का इंतजार लंबे समय से था। जो वैकेंसी आई हैं उनका हम स्वागत करते हैं, लेकिन कई और विभागों में भी भर्ती की जरूरत थी।”

युवाओं का कहना है कि अब घोषित भर्तियों को समय पर पूरा कर निष्पक्ष अवसर मिलना चाहिए।

निष्कर्ष : यूपी में 2027 का चुनाव अभी दूर है, लेकिन राजनीतिक गर्मी चरम पर है।
युवाओं के लिए नौकरियों की घोषणा एक बड़ा कदम है, वहीं विपक्ष इसे चुनावी स्टंट बता रहा है।
महिलाओं और युवाओं के वोट को लेकर सभी पार्टियों में खींचतान जारी है और यह साफ है कि आने वाले महीनों में यूपी की राजनीति इसी दो ध्रुवों पर घूमेगी — “रोजगार” और “महिला सशक्तिकरण”।

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