श्रीमद् भागवत कथा में कृष्ण जन्म पर झूम उठे श्रद्धालु
■ साध्वी मिथलेश्वरी देवी ने कथा दौरान कहा पापों से धरती डोलने लगे तो भगवान कृष्णजी को अवतरित होना पड़ता है।
कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास साध्वी मिथलेश्वरी देवी ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्णजी को अवतरित होना पड़ा।
सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं।
श्रीमद्भागवत कथा में हुआ श्रीकृष्ण जन्म एवं नंदोत्सव का भजन माध्यम से वर्णन किया
श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान उत्सव में चित्रकूट धाम से पधारी कथाव्यास मिथिलेश्वरी देवी के द्वारा कथा के चौथे दिन को वामन अवतार श्रीकृष्ण जन्म की कथा एवं नंदोत्सव का वर्णन किया गया।
इस कार्यक्रम के यजमान श्रीमती सविता श्री जितेंद्र परिहार सपरिवार थे यज्ञाचार्य के रूप में पंडित श्री मुकुल कृष्ण भारद्वाज पुजारी के रूप में श्री राम सिंह परिहार व सुभाष यादव हुआ गोपाल जी महाराज मौजूद थे।
वही गुढा गांव के ग्राम प्रधान का भी व्यवस्था में विशेष सहयोग रहा कथा का पूजन मंत्रोच्चारण से करवाया गया।
वही साध्वी मिथिलेश्वरी द्वारा भजनों पर श्रोतागण कृष्ण जन्मोत्सव पर कृष्ण की भक्ति में लीन होकर खूब झूमे कथा पंडाल में पूरे भक्त गण भक्ति मे लीन दिखे।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा के दौरान जैसे भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा।
इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। भगवान श्रीकृष्ण की वेश में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे। भगवान के जन्म की खुशी पर महिलाओं द्वारा अपने घरों से लगाए गए गुड़ के लड्डूओं से भगवान को भोग लगाया गया।
वही कथा दौरान के प्रबुद्ध जनो मे विनय पचौरी फोकस न्यूज24×7 से विनय पचौरी को माल्यार्पण कर शाल उड़ाकर सम्मानित किया गया।
कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे