सफाई कर्मचारी ने किया 59 लाख का गबन

■ CDO की जांच में खुलासा, स्वच्छ भारत मिशन की रकम निजी खातों में भेजी, पंचायत राज विभाग में है तैनान

 

उरई । जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात एक सफाई कर्मचारियों ने लगभग 59 लाख रुपये का गबन कर डाला।

यह रकम स्वच्छ भारत मिशन योजना के प्रचार प्रसार के लिए आई थी।

जिसका खुलासा जांच के दौरान हुआ।

इस घोटाले की जानकारी जैसे ही विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारियों को हुई विभाग में हड़कंप मच गया। मुख्य विकास अधिकारी ने जिलाधिकारी को इस बारे में अवगत कराया। जिलाधिकारी की अनुमति मिलने के बाद कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम देखने वाले सफाई कर्मचारी और एक अन्य शख्स के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया।

दरअसल, पूरा मामला जालौन के जिला मुख्यालय उरई में बने जिला पंचायती राज विभाग कार्यालय का है।

इस कार्यालय में तैनात एक सफाई कर्मचारी को कंप्यूटर ऑपरेटर की जिम्मेदारी दी गई थी।

यह जिम्मेदारी उसे तब दी गई जब विभाग में अकाउंटेंट के पद पर कोई भी तैनात नहीं था। जिस पर यह जिम्मेदारी सफाई कर्मचारी मनोज वर्मा को सौंप गई थी।

3 जुलाई 2021 को उस समय तैनात जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा उसको अपना आईडी पासवर्ड उपलब्ध कराते हुए यह आदेश दिया गया था कि वह डिजिटल सिग्नेचर का भी प्रयोग समय अनुसार कर सकता है। लेकिन कंप्यूटर ऑपरेटर की कुर्सी पर आते ही सफाई कर्मचारी मनोज वर्मा ने उसका दुरुपयोग करना शुरू कर दिया।

उसने स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत जिले में प्रचार प्रचार के लिये आवंटित बजट में से करीब 58 लाख 98 हजार रुपए का गबन कर लिया है।

उसने धीरे-धीरे यह राशि तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग करते हुये दूसरे निजी खातों में ट्रांसफर कर ली।

■ पहले उसने किसी अंजान व्यक्ति शैलेंद्र कुशवाहा के खाते में 6 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिये।

■ इसके बाद उसने 5 अक्टूबर को विभाग में ही कार्यरत सफाई कर्मी विकेंद्र कुमार के खाते में 8 लाख 30 हजार की रकम भेज दी।

■ इसके बाद 2 दिसंबर 2022 को फिर से 8 लाख 87 हजार उसके खाते में डाल दिये।

■ जबकि 8 जनवरी 2023 को 35 लाख की रकम उसी सफाईकर्मी के खाते में ट्रांसफर कर कुल 58 लाख 98 हजार रुपए का बंदरबांट कर दिया और उसे निकाल लिया।

इस मामले की जांच करने पहुंचे मुख्य विकास अधिकारी भीम जी उपाध्याय ने डीपीआरओ कार्यालय पहुंचकर उक्त प्रकरण की जानकारी ली।

पूरे मामले के बारे में डीएम चांदनी सिंह को अवगत कराया, जिनकी संस्तुति पर डीपीआरओ कार्यालय में अस्थाई तौर पर लगाए गए कंप्यूटर ऑपरेटर सफाई कर्मी मनोज वर्मा समेत एक अज्ञात के खिलाफ उरई कोतवाली में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये गये हैं, जिसकी संस्तुति जिलाधिकारी द्वारा की जा चुकी है।

इसके साथ ही पर्यवेक्षण के लिये पूर्व डीपीआरओ को भी दोषी माना गया है, उनके खिलाफ भी जांच के निर्देश दिए गए हैं।

कार्तिकेय गुबरेले

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