*समाजवादियों ने डॉक्टर लोहिया व शहीद ए आज़म भगत सिंह को किया याद*

*उरई* (जालौन )23 मार्च। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष *अखिलेश यादव* के आह्वान पर और प्रदेश अध्यक्ष *नरेश उत्तम* के निर्देशन पर *जिला महासचिव जमालुद्दीन* की अध्यक्षता में समाजवादी चिंतक *डॉ राम मनोहर लोहिया* की जयंती और शहीद ए आजम सरदार *भगत सिंह* के शहादत दिवस पर समाजवादी पार्टी कार्यालय में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें समाजवादी नेताओं ने दोनों महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए और देश के महापुरुषों को नमन किया गया। *सपा के वरिष्ठ नेता राम रतन प्रजापति* ने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च 1910 को उत्तर प्रदेश के अकबरपुर जिले में हुआ था। उनके पिता एक शिक्षक थे। डॉ राम मनोहर लोहिया ने बनारस से इंटरमीडिएट पास किया था और कोलकाता यूनिवर्सिटी में बी ए उत्तीर्ण किया। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वे लंदन के बर्लिन चले गए। जहां पर ह्यूमन वोल्ट यूनिवर्सिटी से उन्होंने पीएचडी किया था। उन्होंने कहा कि डा राम मनोहर लोहिया समाजवादी प्रखर चिंतक स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे । उन्होंने हमेशा समाजवाद को बढ़ावा दिया है। प्रखर समाजवादी चिंतक का 57 बर्ष की उम्र में 12 अक्टूबर 1967 में न्यू दिल्ली में निधन हो गया। *समाजवादी शिक्षक महासभा की प्रदेश सचिव रामलाल विश्वकर्मा* ने कहा कि डॉक्टर राम मनोहर लोहिया और शहीद ए आजम भगत सिंह दोनों महापुरुषों ने देश के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया ने जहां एक और समाजवादी विचारधारा को और समाजवाद को बढ़ावा दिया तो वहीं दूसरी ओर देश की आजादी में अपनी जान की कुर्बानी देने वाले *शहीद ए आजम भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव* आदि क्रांतिकारी वीर सपूतों ने आज के ही दिन अपनी भारत माता की रक्षा के लिए प्राणों को निछावर कर दिया। ऐसे महान पुरुषों की पुण्यतिथि और डॉ राम मनोहर लोहिया की जयंती पर हम उन्हें नमन करते हैं और उनके आदर्शों नीतियों पर चलने का संकल्प लेते हैं। *जिला प्रवक्ता महेश चंद्र विश्वकर्मा* ने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया समाजवादी विचारधारा के चिंतक थे। उनके पिताजी एक अध्यापक थे साथ ही वे राष्ट्रभक्ति भी थे। उन्होंने कहा कि जब राम मनोहर लोहिया छोटे थे तो उनके पिता हीरालाल उन्हें अपने साथ लेकर महात्मा गांधी के पास जाते थे। महात्मा गांधी से डॉ राम मनोहर लोहिया ने राजनीतिक ज्ञान प्राप्त किया। वहीं जयप्रकाश नारायण और पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ देश सेवा में लगे रहे। डॉ राम मनोहर लोहिया जी कहते थे कि उनके जीवन में ढाई आदमियों का प्रभाव पड़ा है जिसमें एक महात्मा गांधी, दूसरे जयप्रकाश नारायण और तीसरे पंडित जवाहरलाल नेहरू थे जिनके आदर्शों को उन्होंने अपने जीवन में उतारा। डॉ राम मनोहर लोहिया देश की आजादी के लिए 1942 में महात्मा गांधी द्वारा चलाए जा रहे भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल होकर जेल गए और वहीं हजारीबाग जेल से जयप्रकाश नारायण और डॉक्टर लोहिया जी फरार हो गए थे। इसलिए डॉक्टर राम मनोहर लोहिया को समाजवादी चिंतक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और एक महान राजनेता का दर्जा दिया गया है। समाजवादी पार्टी डॉ राम मनोहर लोहिया के सिद्धांत और नीतियों पर चलती है इसलिए समय-समय पर उनके जयंती या पुण्यतिथि पर गोष्ठी का आयोजन कर आगे आने वाली युवाओं को उनके बारे में प्रेरणा देती है ताकि आने वाली पीढ़ी ऐसे समाजवादी चिंतक को याद करती रही। *इस मौके* पर प्रमुख रुप से , जिला महासचिव जमालुद्दीन, प्रदेश सचिव वीरेंद्र सिंह यादव, प्रदेश सचिव राम लाल विश्वकर्मा,बरिष्ठ नेता राम रतन प्रजापति,महेश चंद्र विश्वकर्मा, महेश चंद्र शिरोमणि, महिला सभा जिला अध्यक्ष कुसुमलता सक्सेना, विधानसभा अध्यक्ष उरई वेद प्रकाश यादव,भानु प्रताप राजपूत, राघवेंद्र सिंह गुर्जर एडवोकेट,सुरेंद्र बरदर,शबीउद्दीन, राहुल बाबा लल्ला यादव, रशीद बाबा, मुन्ना अंसारी,अकील अंसारी,जीतू यादव, दीपक कुमार पाथरे,मोहम्मद रेहान,आदि सपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

 

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