Browsing: हे मानव तुम क्यों दूसरे की सुख सुविधा

 ☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆ हे मानव तुम क्यों दूसरे की सुख सुविधा, पद प्रतिष्ठा, धन वैभव देखकर उसे पहचानते हो जबकि यह सब अस्थाई हैं ■■■■■■■■■■■■■■■■■■ रिपोर्ट  : डा०…

Read More