Author: Banwari Lal Shastri

हे विश्व, राष्ट्र, समाज के लोगों (नर नारियों, स्त्री पुरुषों) जागो ? धर्म, ईश्वर पूजा, साधना, आराधना, त्याग, तपश्चर्या जो यथार्थ व पूर्ण परमसत्य है। उसको…

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आज शासकीय तन्त्र में अथवा सत्ता तंत्र में अपराधी तत्वों का वर्चस्व  । इसे रोकने के लिए कोई कानून नियम नीति नैतिकता युक्त न बन पाने…

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जब तक व्यक्ति ईश्वरीय / प्रकृति स्वरूपीय नियम नीति आचार विधान से नहीं चलता ? तब तक गीता, रामायण , कुरान , बाईबिल, गुरुग्रन्थ साहिब ,…

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असत्य का वरण व सत्य का त्याग रिपोर्ट:डा० बनवारी लाल पीपर “शास्त्री” व्यक्ति की नैतिक पतनीय मानसिकता, मनोसोच मात्र निज सुख स्वार्थ में अन्धे , बे-ईमान…

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सत्य तत्त (सार ) वेत्ता महामानव , राष्ट्रकवि श्री मैथली शरण जी गुप्त एवं महामानव सत्य तत्त वेत्ता श्री रामधारी सिंह जी ‘दिनकर’ की परम सत्य…

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आत्मवत् सर्वभूतेषु रिपोर्ट:  -डा० बनवारी लाल पीपर “शास्त्री” मानव शरीरधारी रूप विद्वद जनीय त्यागीय तपस्वीय निम्न वर्णित पालनीय , धारणीय , माननीय ब्राह्मण स्वरूपीय सत्य आचार …

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परमपिता परममाता सर्वेश्वर / सर्वेश्वरी से उनकी जीव प्राणी मानव ( नर नारी , स्त्री पुरुष ) की उनसे सत्य प्रियता सत्य प्रेम उनकी सत्य साधना…

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पार्ट-2 सत्य तत्त (सार) वेत्ताओं के दृष्टिदर्शन सोचनीय विचारनीय प्रश्न ?  “ईश्वर अंश जीव अविनाशी ” ( श्री रामचरित मानस ) जब ईश्वर का अंश है…

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समान सृष्टि रचयिता के मानव रचना में पारस्परिक छूत अछूत  का भेद, पास और दूरी का भेद वर्गीकरण, जातीय स्वरूप का न ही उचित व सत्य…

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पार्ट : 2 एक सत्य ईश्वर भक्त की परमेश्वर विषय पर शाश्वत् प्रत्यक्ष पर शंका ? और उसका समाधान निम्न शब्दों में व्यक्त है। रिपोँट -डा०…

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