Author: Banwari Lal Shastri

उपरोक्त सत् सद् मानवों ने महामानव तक की यात्रा सर्व काल्याणीय , उपयोगीय , उपभोगीय सुख शान्ति , आनंददायी सृष्टि मानव (नरनारी , स्त्रीपुरुष ) जीव,…

Read More

धर्म शब्द के बारे में ज्यादातर मानव समुदाय गुमराह है या उसकी सत्य व्याख्या से वास्तव में यथार्थ में अवगत नहीं है अथवा मनुष्य अपने निज…

Read More

1 . तन-मन-जीवन कर्म के किसी सत्य जीवन निर्माण अपेक्षित सूत्र , सिद्धान्त , आयाम से गिर जाना, हट जाना, गिरा लेना, बुद्धि विवेक, सत्य ज्ञान…

Read More

मानव का जीवन चुनौती पूर्ण है अथवा चुनौती भरा है। जो सत्य बुद्धि विवेक से , आत्म धैर्य से , आत्म अनुशासन से , आत्म स्थिर…

Read More

व्यक्ति, परिवार के व्यक्तिगत सद् जीवन में स्वयं के निर्माण में भविष्यीय आने वाले संकटों से ताजीवन मुक्त रहने के लिए सर्वप्रथम सद् सत् सत्य आचरण…

Read More

जीने में तमाम कष्ट युक्त शारीरिक मानसिक दुःखदायी वेदनापरक भूचाल जीवन न जाने क्यो आ रहा है? रिपोर्ट  : – डा ० बनवारी लाल पीपर “शास्त्री”…

Read More

इससे श्रेष्ठ तीर्थ, साधना, तपश्चर्या अन्य कहीं कोई नहीं रिपोर्ट: डा० बनवारी लाल पीपर “शास्त्री” जो माता (मां) अपने पुत्र को जन्म देने में अपना रुप,…

Read More

आज प्रत्येक जनमानस के अंत : ह्रदय में “आत्मवत् सर्वभूतेषु वेदमंत्र आत्मसात् नहीं होगा। रिपोर्ट: डा० बनवारी लाल पीपर “शास्त्री ” अपने जैसा ही सबको जानों…

Read More

संसार के व्यक्ति (नर-नारी, स्त्री-पुरुष), व्यक्ति के मिलने से शारीरिक, मानसिक, ऐंद्रिक (इन्द्रिय जनित) सभी आकर्षण सर्वांगीण और निरर्थक हैं। (उनके पूर्ण होने पर, मिलने पर,…

Read More

सर्व प्रथम उन शहीदों क्रांतिकारियों व माता बहिन बेटियों वीरांगनाओं को कोटि-कोटि नमन जिन्होंने भारत राष्ट्र की स्वतंत्रता में अपनी जान व जीवन को खतरे में…

Read More