मामला चिरगांव स्थित सुल्तान पुरा पंचायत से गुजरने वाली सड़क का 

केन्द्र सरकार सड़कों की हालत को सुधारने पर काफी घ्यान दे रही

पर

जरूरत है तो कर्मचारियों को रास्ता के सर्वे पर ध्यान देने की ।

चिरगांव स्थित सुल्तान पुरा पंचायत से गुजरने वाली सड़क दे रही दुर्घटना को आमंत्रण

 

प्रधानमंत्री सड़क योजना भारत में असंबद्ध गांवों को अच्छी सड़क व संपर्क प्रदान करने की राष्ट्रव्यापी योजना है चूंकि माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस पर सख्ती से कार्य कराया जा रहा है योजना तहत देश के लगभग सभी इलाकों में पक्की सड़क बनाना और उनकी मरम्मत करना भी शामिल है।
इस योजना के तहत देश का हर गांव, शहर, जिला और राज्य एक दूसरे सड़क से जोड़े जा रहे हैं।
सभी गांवों और शहरों को जोड़ने के लिए इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत की गई है।
इससे शहरों तक पहुंचना बहुत आसान हो गया है। वर्तमान की केन्द्र सरकार भी सड़कों की हालत को सुधारने पर काफी घ्यान दे रही है। विशेषकर राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से जुड़ने का लाभ इसके आसपास के गांवों को मिल रहा है।

लेकिन अभी भी देश के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां सड़कों का घोर अभाव है । सड़क न होने की समस्या आज भी भारत के कई ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यों की त्यों बनी हुई है। कहने को तो देश का विकास हो रहा है, पर अभी भी देश के पिछड़े गांव व कस्बे इस विकास की गति में कहीं पीछे रह गये हैं।

अच्छी सड़क की सुविधा न होने की वजह से दुर्घटना की संभावना अधिक बनी रहती है।
इन्हीं गांवों में एक झांसी के चिरगांव स्थित सुल्तान पुरा पंचायत से गुजरने वाली सड़क का है, सुल्तान पुरा से भरत पुरा गांव तक जो सड़क बनी वह सड़क की स्थिती सबसे अधिक दयनीय है।
ये रोड पांच गांव को जोड़ती हैं ये सड़क बड़े बड़े गड्ढे हो गय है आय दिन मोटरसाइकिल, साइकिल वाले गिरते रहते है, ग्रामीण लोगों को आने-जाने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, स्कूल के बच्चे को चिरगांव आने में बहुत दिक्कत होती है ,

सड़क न होने से ग्रामीणों में है गुस्सा

जो भी मुखिया वोट मांगने आते हैं, कहते हैं कि इंदिरा आवास दिलाएंगे, सड़क बनवा देंगे, आप सभी की सभी समस्याओं का निवारण कर देंगे, सब मिलकर मुझे विजयी बनाओ, लेकिन जीत जाने के बाद कुछ नहीं करते हैं, किसी ने कुछ नहीं किया, सड़क की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है।

वहीं एक अन्य महिला कुमारी बताती हैं कि सड़क अच्छी न होने की वजह से कई बार सड़क दुर्घटना में बच्चों की मौत हो जाती है। वह कहती हैं, “हमारी सबसे ज्यादा समस्या सड़क से ही जुड़ी हुई है। कुछ दिन पहले एक गर्भवती महिला तक केवल सड़क अच्छी नहीं होने की वजह से एम्बुलेंस समय से पहुंच नहीं सकी, कुमारी बताती हैं कि गांव में सड़क खराब होने के कारण गाड़ी गांव तक पहुंच नहीं पाती है। इसलिए मरीज़ को खाट पर उठाकर मुख्य सड़क तक ले जानी पड़ती है। इस समस्या के हल के लिए ग्रामीण कई बार धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं,

बारिश का मौसम और बदहाल सड़कें

गांव में ही राशन की दूकान चलाने वाले 32 वर्षीय बिट्टु कुमार कहते हैं, “बारिश के समय में बहुत कठिनाइओं का सामना करना पड़ता है। सड़क पूरी तरह से टूट जाती है जिसमें बड़े-बड़े गड्ढ़े बन जाते हैं। अक्सर लोग उन गढ्ढों में गिर कर घायल हो जाते हैं। वहीं इन गढ्ढों में फंस कर गाड़ियां भी खराब हो जाती हैं। चाहे जितनी भी इमर्जेन्सी हो, लेकिन बारिश के समय कोई एम्बुलेंस भी गांव में नहीं आना चाहती है। मरीज़ को खाट पर लिटा कर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है। वह कहते हैं कि हमारी अधिकतर समस्या सड़क से जुड़ी हुई है। यदि सड़क ठीक हो जाएगी तो हमारी आधी समस्या का निवारण हो जाएगा। तिवारी कहते हैं कि इस खस्ता हाल सड़क की वजह से हमें ब्लॉक ऑफिस, बैंक या कचहरी जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में कोई भी अंदाज़ा लगा सकता कि बुज़ुर्गों को कितनी दिक्कत होती होगी। 12 वर्षीय रानी कहती है, “मुझे साइकिल चलाना बहुत पसंद है। मैं साइकिल से ही स्कूल जाना चाहती हूं। लेकिन रोड पर गढ्ढा होने की वजह से मैं बहुत बार गिर गई हूं। इसकी वजह से अब मैं पैदल ही स्कूल आना-जाना करती हूं।

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