देवरिया 23 फ़रवरी को राज्य सूचना आयोग सुभाष चंद्र सिंह ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन कलक्ट्रेट सभागार में आरटीआई प्रकरणों की सुनवाई की। आज सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत कुल 169 प्रकरण की सुनवाई हुई, जिसमें से गुणदोष के आधार पर 165 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
सुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि जनपद में सुनवाई होने से अधिकारियों में सजगता आई है और आरटीआई आवेदनकर्ता को समुचित सूचना दी गई है। दी गई सूचनाओं पर आपत्ति का कोई औचित्य नहीं है। सूचनाएं पर्याप्त हैं।उन्होंने कहा कि सूचनाएं उपलब्ध कराते समय अधिनियम की मूल भावना के तहत व्यापक जनहित का विशेष ध्यान रखा जाए। जितनी अधिक सूचनाएं पब्लिक डोमेन में रहेंगी शासन-प्रशासन में उतनी अधिक पारदर्शिता आएगी। उन्होंने कहा कि जनपद में एकसाथ सुनवाई होने से अब विभिन्न विभागों के जन सूचना अधिकारियों को लखनऊ नहीं जाना पड़ रहा है। इससे उन्हें खासी सहूलियत मिलेगी और समय की बचत होगी और उनके मूल विभाग के कार्यों का बेहतर निष्पादन हो सकेगा। उन्होंने कहा कि आरटीआई आवेदनकर्ता को भी समय से सूचना मिल गई है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सूचना आयुक्त  आरटीआई से जुड़े प्रकरणों की सुनवाई जनपद में 24 फरवरी तक करेंगे और 485 आवेदनों का गुणदोष के आधार पर निस्तारण करेंगे। ये सभी आवेदन एक ही व्यक्ति द्वारा दिये गए हैं।

इस अवसर पर एडीएम वित्त एवं राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह, एसडीएम सौरभ सिंह, जिला विकास अधिकारी रविशंकर राय, डीपीआरओ अविनाश कुमार, ईओ रोहित सिंह, डीपीओ कृष्णकांत राय, पीओ डूडा विनोद कुमार मिश्रा, श्रम प्रवर्तन अधिकारी शशि सिंह, जिला मत्स्य विकास अधिकारी नन्दकिशोर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी आरटीआई आवेदनों के संदर्भ में अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित थे।
इसी क्रम मे राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह की अध्यक्षता में 24 फरवरी को शाम 4 बजे कलक्ट्रेट सभागार में सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के संबन्ध  में प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जाएगा। एडीएम वित्त एवं राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण सत्र में समस्त एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, बीडीओ समेत समस्त जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहेंगे। प्रशिक्षण सत्र में राज्य सूचना आयुक्त द्वारा आरटीआई से जुड़े विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जाएगा।

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