उरई। बगैर रजिस्ट्रेशन जिले में धड़ल्ले से सैकड़ों कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग में महज 34 कोचिंग सेंटर ने रजिस्ट्रेशन करा रखा है जबकि शिक्षण सत्र शुरू होने से पहले ही मुख्यालय उरई के अलावा कोंच, कालपी, जालौन सहित छोटे-छोटे कस्बों के गली मोहल्ले और मुख्य बाजारों में कोचिंग सेंटर की दुकानें सज गई हैं माध्यमिक शिक्षा विभाग में कोचिंग सेंटर के नाम पर जिले में महज 34 संचालकों ने रजिस्ट्रेशन करा रखा है। इसमें 22 कोचिंग सेंटर पहले से पंजीकृत हैं जबकि 12 कोचिंग सेंटर इसी साल पंजीकृत हुए हैं। पहले से जिन्होंने रजिस्ट्रेशन करा रखे हैं उन कोचिंग सेंटरों की अवधि वर्ष 2025 तक समाप्त होगी। इसके अलावा बिना रजिस्ट्रेशन जिले में सैकड़ों कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग में बगैर रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले से चल रहे कोचिंग सेंटर राजस्व को तो चूना लगा ही रहे हैं साथ ही नियम और मानकों को दरकिनार कर रहे हैं। कोचिंग पंजीकरण के लिए शुल्क का यह प्रावधान उरई। माध्यमिक शिक्षा विभाग में कोचिंग सेंटर के रजिस्ट्रेशन के लिए 100 छात्र-छात्राओं की क्षमता के लिए 10,000 रुपये 100 से अधिक छात्रों के लिए 25,000 रुपये बैंक में जमा किया जाता है जो कि शासन को भेजा जाता है। इससे कुछ कोचिंग संचालक हर साल नाम बदल बदल कर धड़ल्ले से कोचिंग संचालित कर रहे हैं। फायर एनओसी नहीं, छात्रों की जान दांव पर लगा चल रही कोचिंग उरई। मुख्यालय में ही स्टेशन रोड, करमेर रोड, रामनगर, राजमार्ग पर दर्जनों कोचिंग सेंटर बगैर फायर एनओसी के संचालित हो रहे हैं। आग से कोई हादसा हो जाए तो ज्यादातर कोचिंग सेंटर में मुख्य द्वार के अलावा आपातकालीन कोई दूसरा द्वार भी नहीं है।

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