प्रयागराज समेत यूपी के दूसरे ज़िलों में कैसा है माहौल?
रिपोर्ट : विनय पचौरी
focusnews24x7.com
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जी हाँ पूर्व सांसद और माफ़िया डॉन अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ अहमद की शनिवार शाम सनसनीख़ेज ढंग से हत्या किए जाने के बाद प्रयागराज समेत पूरे प्रदेश के
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सभी ज़िलों में धारा 144 लगा दी गई है.
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प्रयागराज समेत दूसरे ज़िलों में कैसा है माहौल
इस हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में धारा 144 लगाई गई है। कई ज़िलों में पुलिस विभाग की ओर से फ़्लैग मार्च निकाला जा रहा है.
इनमें उन्नाव ,मऊ, फ़र्रूख़ाबाद, मेरठ ,गाज़ियाबाद और गोरखपुर आदि ज़िलों के संवेदनशील इलाकों में फ़्लैग मार्च किया जाना शामिल है.
चैनलों पर प्रसारित ख़बरों के मुताबिक़, इस घटना को अंजाम देने वाले हमलावरों के घरों की गलियां सील की जा रही हैं.
इसमें हमलावर सनी के घर के बाहर पुलिस के तैनात होने के वीडियोज़ भी सामने आये है
प्रयागराज जहां इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है, वहां लोग घरों से बाहर निकालने से बचते नज़र आए.।
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कुछ ख़बरों के मुताबिक़, प्रयागराज में इंटरनेट अगले दो दिनों तक बंद रहेगा
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शहर के एक पुराने शख़्स को जिसे लोग माफ़िया और बाहुबली के तौर पर जानते-पहचानते थे, उसे मीडिया की मौजूदगी में गोलियों से तीन हमलावरों ने मार गिराया था.
इस हत्या के वीडियो सिर्फ़ प्रयागराज ही नहीं बल्कि अब देश-विदेश में देखे जा रहे हैं.
मामले में दर्ज FIR के अनुसार , हमलावर लवलेश, सनी, और अरुण – तीनों “अतीक़ और अशरफ़ की गैंग का सफ़ाया करके प्रदेश में अपने नाम की पहचान बनाना चाहते थे।
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लवलेश तिवारी की अपराधिक पृष्ठभूमि
चैनलो ने ज़िले के पुलिस अधिकारियों से जानकारी लेने की कोशिश की और पाया कि बांदा के 22 वर्षीय लवलेश तिवारी के ख़िलाफ़ चार मुक़दमे हैं.
- तीन मुक़दमे मारपीट के हैं और
- एक लड़की छेड़ने का है. ।
लवलेश के पिता युग कुमार तिवारी ने भी स्थानीय मीडिया से बात करते हुए इन आपराधिक मामलों का ज़िक्र किया था.
पुलिस के मुताबिक़, लवलेश ड्रग्स का लती है और अपने ही परिवार से अलग हो गया है.
पूर्व के सभी मुक़दमों में लवलेश के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और वो सभी में ज़मानत पर जेल से बाहर है.
पुलिस की मानें तो इन चारों में से किसी भी मामले में लवलेश के पास से पहले कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है.
सनी सिंह का आपराधिक कारनामे
दूसरा अभियुक्त 23 वर्षीय पुराना उर्फ़ सनी सिंह हमीरपुर का रहने वाला है. सनी के ख़िलाफ़ कुल 14 मुक़दमे हैं.
इसमें
- आर्म्स एक्ट,
- जानलेवा हमले,
- लूट,
- गैंगस्टर एक्ट और गुंडा एक्ट
जैसी संगीन धाराएं शामिल हैं.
पुलिस के मुताबिक़, यह ज़मानत पर बाहर आया था, लेकिन इसके बाद वापस नहीं लौटा और फ़रार चल रहा था.
सनी 2022 से लापता चल रहा था और बताया जाता है कि वह पश्चिम उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सक्रिय सुंदर भाटी गैंग से जुड़ गया था.
सुंदर भाटी गैंग पर नोएडा और ग़ाज़ियाबाद में कई मुक़दमे हैं.
पुलिस के मुताबिक़, यह सभी 14 मुक़दमों में चार्जशीटेड है और 2021 में ज़मानत पर छूटा था, निगरानी में था, लेकिन लौटा नहीं.
क्या अरुण कुमार मौर्य अपराधिक गतिविधियां से नही जुडा था?
न्यूज चैनलो ने कासगंज से 18 वर्षीय अभियुक्त अरुण कुमार मौर्य के बारे में भी जानना चाहा, लेकिन कासगंज पुलिस का कहना है कि अरुण मौर्य के ख़िलाफ़ कासगंज में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.
पुलिस ने यह भी बताया कि वो पिछले छह महीनों से कासगंज में नहीं रह रहा था. इस दौरान वह पानीपत हरियाणा में रह रहा था.
पुलिस कासगंज के कातरवाडी में उसके परिवार के पास भी पहुंची है.
गांव के प्रधान के मुताबिक़, अरुण मौर्य तीन भाइयों में सबसे छोटा था और उसके दो भाई दिल्ली में कबाड़ी का काम करते थे.
ग्राम प्रधान विकास कुमार चौहान ने स्थानीय मीडिया से कहा कि अरुण के माता-पिता लगभग बीस साल पहले गुज़र गए.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, अरुण मौर्य के पानीपत में अपने दादा और चाचा के पास रहता था. एक सप्ताह पहले भी वो पानीपत में था.
अरुण मौर्य को 4 फ़रवरी 2022 को पानीपत पुलिस ने अवैध देसी पिस्तौल के साथ गिरफ़्तार किया था. न्यूज चैनल ने इस मामले में पानीपत में दर्ज एफ़आईआर की कॉपी देखी है.
इस एफ़आईआर के मुताबिक़, पुलिस ने मुख़बिर की सूचना पर अरुण को देसी कट्टे के साथ गिरफ़्तार किया था.
अतीक़ अहमद हत्याकांडः घटना चक्र
- शनिवार रात पुलिस नियमित हेल्थ चेकअप के लिए अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ अहमद को अस्पताल ले गई.
- अस्पताल के बाहर ही मीडिया कर्मियों ने उन्हें रोक कर सवाल-जवाब किए,।
- इसी दौरान हमलावरों ने गोली चला दी.
- हमले में अतीक़ अहमद और अशरफ़ अहमद की मौत हो गई.।
- एक कांस्टेबल और एक पत्रकार घायल हो गए.
- तीनों हमलावरों ने पिस्तौल फेंक कर सरेंडर कर दिया।
- पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया.
- घटना के बाद पूरे प्रदेश में धारा 144 लगा दी गई और हाई अलर्ट जारी कर दिया गया.
- विपक्षी नेताओं ने प्रदेश में क़ानून व्यवस्था के मसले पर योगी सरकार को घेरा और पूरे घटनाक्रम पर सवाल खड़े किए.
- रविवार को तीनों हमलावरों को कोर्ट में पेश किया गया।
- जहां उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
- अतीक़ अहमद और अशरफ़ अहमद के शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया और फिर दफ़ना दिया गया.
सरकार ने पूरे मामले की न्यायिक जांच के लिए एक समिति का गठन किया है.