राम नाम की मस्ती गाये कृष्ण नाम की मस्ती गोवर्धन पूजा पर झूमे हजारों श्रद्धालु | कथा पूज्य रमाकांत व्यास के मुखारविंद से

■श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर बलिहारी हुए भक्त होती रही जयकार

■श्रीमद्भागवत कथा में छठवें दिन छप्पन भोग का हुआ आयोजन।

■वृन्दावन दर्शन माखन चोरी कन्दुक लीला पूतना वध गोवर्धन पूजा।

उरई नगर मे प्रदीप सीरौठिया द्वारा आयोजित भागवत कथा के छठवे दिन अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथा व्यास पूज्य श्री रमाकान्त व्यास रावतपुरा धाम ने कृष्ण बाल लीला गोर्वधन पूजा के प्रसंग सुनाए व श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सुंदर चित्रण भी किया।

राम नाम की मस्ती कृष्ण नाम की मस्ती पर झूम उठे हजारो श्रद्धालु भक्त गण।

आगे भी महाराज ने भजन का क्रम रखते हुये जब

ओ मेरे श्याम सलोने सरकार बना दो बिगड़ी  मेरी

पर तो पूरे पंडाल मे प्रत्येक भक्त भक्ति में डूबा हुआ था । जहां भी देखो भक्त गण झूमते हुए नजर आ रहे थे।

कथा दौरान उन्होंने कहा कि कृष्ण भगवान की अद्भुत लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक हैं।बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। नटखट स्वभाव के चलते यशोदा मां के पास उनकी हर रोज शिकायत आती थी। मां उन्हें कहती थी कि प्रतिदिन तुम माखन चुरा के खाया करते हो तो वह तुरंत मुंह खोलकर मां को दिखा दिया करते थे कि मैने माखन नहीं खाया

पूज्य श्री रमाकान्त व्यास रावतपुरा धाम  ने कहा कि भगवान कृष्ण अपनी सखाओं और गोप ग्वालों के साथ गोवर्धन पर्वत पर गए थे। वहां पर गोपिकाएं 56 प्रकार का भोजन रखकर नाच गाने के साथ उत्सव मना रही थीं।कृष्ण के पूछने पर उन्होंने बताया कि आज के ही दिन देवों के स्वामी इंद्र का पूजन होता है।
इसे इंद्रोज यज्ञ कहते हैं। इससे प्रसन्न होकर इंद्र व्रज में वर्षा करते हैं जिससे प्रचुर अन्न पैदा होता है। भगवान कृष्ण ने कहा कि इंद्र में क्या शक्ति है। उनसे अधिक शक्तिशाली तो हमारा गोवर्धन पर्वत है। इसके कारण ही वर्षा होती है अतरू हमें इंद्र से बलवान गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए।बाद मे श्री कृष्ण की यह बात मानी गई और ब्रज में गोवर्धन पूजा की तैयारियां शुरू हो गईं। इस दौरान श्रद्धालु भक्ति के सागर में मंत्रमुग्ध दिखे

पूज्य श्री रमाकांत व्यास रावतपुरा धाम  ने कहा कि यशोदा का अहंकार था तो कृष्ण नहीं बंधे, लेकिन प्रेम से श्रीकृष्ण भक्तों के बंधन में बंध जाते हैं।जब जीव मन वचन काया से स्मरण करता है तो प्रभु कृपा कर देते हैं। प्रभु अपने भक्तों से दूर नहीं रह सकते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के घर गायों और माखन की कमी नहीं थी। बावजूद इसके गोपियों के अटूट प्रेम के चलते भगवान श्रीकृष्ण माखन चोर कहलाए

कथा के पश्चात मुख्य यजमान प्रदीप सीरौठिया आशा सीरौठिया  एवं अतिथियों के द्वारा श्रीमद् भागवत भगवान की आरती का कार्यक्रम किया गया।

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